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नवजात बेटे का चेहरा देखने से पहले ही कोरोना से जिंदगी की जंग हार गया पिता

कोरोना की जंग में जिंदगी हारने वाला एक युवक अपने नवजात बेटे का मुंह तक नहीं देख सका। यह उसकी पहली संतान थी। मेरठ मेडिकल अस्पताल में भर्ती के पांच दिनों में वह अपने भाई और पारिवारिक मित्र से बेटे और...

नवजात बेटे का चेहरा देखने से पहले ही कोरोना से जिंदगी की जंग हार गया पिता
गाजियाबाद | अमरेंद्र कुमारThu, 04 Jun 2020 11:31 AM
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कोरोना की जंग में जिंदगी हारने वाला एक युवक अपने नवजात बेटे का मुंह तक नहीं देख सका। यह उसकी पहली संतान थी। मेरठ मेडिकल अस्पताल में भर्ती के पांच दिनों में वह अपने भाई और पारिवारिक मित्र से बेटे और पत्नी की कुशल-क्षेम पूछता रहा। अस्पताल से ठीक होकर लौटने पर दोनों से मिलने की इच्छा जताता था। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। कोरोना वायरस ने सात दिन के नवजात बेटे से मिलने से पहले ही युवक की जिंदगी लील ली।

मामला संजयनगर सेक्टर 23 के फ्री होल्ड कॉलोनी बसंत कुंज कॉलोनी का है। यहां रहने वाले एक परिवार पर आठ दिनों के भीतर मानो पहाड़ टूट पड़ा। एक निजी कंपनी में काम करने वाला 32 वर्षीय युवक को पहले बुखार हुआ। बुखार के बाद उन्होंने अपना इलाज शुरू कराया। पहले मेरठ रोड के एक निजी अस्पताल में डॉक्टर से दिखाया। कोरोना के संदेह में उसकी जांच कराई गई। युवक की रिपोर्ट में 25 मई को कोरोना की पुष्टि होने पर उसे मेरठ के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। इलाज के बावजूद उसकी दिनों दिन हालत बिगड़ती गई। एक जून को उसकी मौत हो गई। मेरठ में अंतिम संस्कार के समय उसके भाई तक ने उसका मुंह नहीं देखा। वहीं, परिवार में तीन सदस्यों में कोरोना की पुष्टि होने के बाद कॉलोनी मे दहशत का माहौल है। विभाग भी अब आसपास के लोगों के सैंपल लेने की तैयारी कर रहा है।

मां-दोनों भाई कोरोना से जंग लड़ रहे

एक जून को युवक की मौत के बाद परिवार पर भी कोरोना का खतरा मंडराने लगा। रिपोर्ट में युवक की मां और दोनों भाई की रिपोर्ट पॉजीटिव आ गई। बेटे की मौत के अगले दिन ही एक परिवार के तीन सदस्यों मां और दोनों बेटे को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल में भर्ती करा दिया।

डेढ़ वर्ष पहले हुई थी शादी

पारिवारिक दोस्त सुमित ने बताया कि चार भाइयों में वह तीसरे नंबर का था। करीब डेढ़ वर्ष पहले ही उसकी शादी हुई थी। मेरठ रोड पर एक कंपनी में लेखा विभाग में काम करता था। कोरोना से पहले उसे कोई बीमारी नहीं थी। लेकिन मई के आखिरी सप्ताह में वह कोरोना पॉजीटिव हुआ।

अस्पताल में भर्ती के अगले ही दिन बेटा हुआ

परिवार के सुख-दुख में साथ रहने वाला सुमित चौधरी ने बताया कि 25 मई को युवक को मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। उसी दिन दोपहर बाद प्रसव पीड़ा होने पर उसकी पत्नी को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। मंगलवार 26 मई की सुबह करीब सात बजे उसकी पत्नी ने बेटे को जन्म दिया। दोनों निगेटिव हैं। बच्चे के जन्म से पूरा परिवार खुश हुआ। फोन पर मेरठ में भर्ती युवक को भी बेटे होने की सूचना दी गई। इससे वह बहुत खुश था। 

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