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कृषि कानूनों पर आर-पार : किसानों का सरकारी सुविधाएं लेने से इनकार

नए कृषि कानूनों पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान कर चुके किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। दिल्ली के बुराड़ी स्थित निरंकारी समागम ग्राउंड में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अब...

कृषि कानूनों पर आर-पार : किसानों का सरकारी सुविधाएं लेने से इनकार
नई दिल्ली। एएनआई  Wed, 09 Dec 2020 07:39 PM
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नए कृषि कानूनों पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान कर चुके किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। दिल्ली के बुराड़ी स्थित निरंकारी समागम ग्राउंड में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अब सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं को लेने से इनकार कर दिया है। फरीदकोट भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष ने कहा कि हमारे पास सभी इंतजाम हैं। किसी के सहारे संघर्ष नहीं लड़ा जाता। 

एक और किसान नेता ने कहा कि संघर्ष हमेशा लोगों की अपनी क्षमताओं के आधार पर होता है। हम सहानुभूति रखने वालों से मदद लेते हैं, लेकिन सरकारों से नहीं। वे केवल वोट हासिल करने के लिए काम करते हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है।

जानकारी के अनुसार, सिंघु बॉर्डर पर डटे क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को भेजे गए एक प्रस्ताव को किसानों ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है।

किसानों ने ऐलान किया कि पूरे देश में रोज प्रदर्शन होगा। पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 14 तारीख को धरने दिए जाएंगे, जो धरने में शामिल नहीं होगा वो दिल्ली को कूच करेगा। 12 तारीख को जयपुर-दिल्ली हाईवे रोका जाएगा और 12 तारीख को एक दिन के लिए पूरे देश के टोल प्लाजा फ्री कर दिए जाएंगे।

वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि कृषि कानून किसान विरोधी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि ये कानून किसानों के हित में हैं, तो फिर किसान सड़क पर क्यों खड़े हैं? सरकार को ये नहीं सोचना चाहिए कि किसान डर जाएंगे और हट जाएंगे। जब तक कानून वापस नहीं हो जाते तब तक किसान न हटेगा न डरेगा।

राहुल ने कहा कि सरकार को गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए किसान समझौता नहीं करेगा। मैं किसानों से कह रहा हूं कि अगर आप आज नहीं खड़े हुए तो फिर आप कभी नहीं खड़े हो पाओगे और हम सब आपके साथ हैं आप बिलकुल घबराइए मत। आपको कोई पीछे नहीं हिला सकता आप हिदुस्तान हो।

गौरतलब है कि केंद्र और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता के बेनतीजा रहने के बाद हजारों किसान नए कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग के साथ बुधवार को 14वें दिन भी दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे हुए हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मंगलवार रात को बुलाई गई बैठक में कोई समाधान नहीं निकल सका था। कृषि कानूनों में संशोधन करने के सरकार के प्रस्ताव को ठुकराने वाले किसान नेताओं ने कहा कि कानून निरस्त करने से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है। 

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