दिल्ली : किसान शर्तों के साथ केंद्र संग वार्ता के लिए फिर तैयार, 29 दिसंबर को होगी छठे दौर की बैठक
नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन को 31वां दिन है, लेकिन किसानों और सरकार के बीच गतिरोध अब भी दूर होता नहीं दिख रहा है। किसान दिल्ली...
नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन को 31वां दिन है, लेकिन किसानों और सरकार के बीच गतिरोध अब भी दूर होता नहीं दिख रहा है। किसान दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर और चिल्ला बॉर्डरों पर डेरा डालकर बैठे हैं। हालांकि, शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि सरकार खुले मन से किसानों के साथ वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन वार्ता से पहले तीनों कानूनों को रद्द किए जाने की मांग पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं।
किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। किसानों का कहना है कि जब तक कानून रद्द नहीं किए जाते वह वापस नहीं लौटेंगे। ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार सितम्बर में पारित किए तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।
LIVE UPDATES :-
- दिल्ली : सिंघु बॉर्डर पर मौजूद क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में टोल प्लाजा स्थायी रूप से खुले रहेंगे। 30 दिसंबर को हम सिंघु बॉर्डर से एक ट्रैक्टर मार्च का आयोजन करेंगे।
Toll plazas in Punjab and Haryana will remain permanently open. On 30th December we will organize a tractor march from Singhu border: Darshan Pal, President of Krantikari Kisan Union#FarmLaws pic.twitter.com/lGbCbatQpU
— ANI (@ANI) December 26, 2020
- दिल्ली : योगेंद्र यादव ने कहा कि वार्ता के लिए हमारे एजेंडे में पहले दो बिंदु हैं- तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के तौर-तरीके, और एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर कानूनी गारंटी प्रदान करने के लिए कानून लाने के लिए तंत्र और प्रक्रिया तय करना। राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश 2020 में ऐसे संशोधन जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए जरूरी हैं, किसानों के हितों की रक्षा के लिए विद्युत संशोधन विधेयक 2020 के मसौदे में जरूरी बदलाव।
- दिल्ली : सिंघु बॉर्डर पर मौजूद स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हम संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सभी संगठनों से बातचीत कर ये प्रस्ताव रख रहे हैं कि किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर 2020 को सुबह 11 बजे आयोजित की जाए।
We propose to hold another round of talks with the Centre at 11 am on 29th December: Yogendra Yadav, Swaraj India#FarmLaws pic.twitter.com/BEAG9pkzP3
— ANI (@ANI) December 26, 2020
- राजस्थान : राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने कहा कि हमारा विरोध यही है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। मैंने लोकसभा की तीनों कमेटियों से इस्तीफा दे दिया है। आवश्यकता पड़ी तो NDA छोड़ने का ऐलान करूंगा, आवश्यकता पड़ी तो लोकसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दूंगा।
हमारा विरोध यही है कि तीनों कृषि कानूनों को वापिस लिया जाए। मैंने लोकसभा की तीनों कमेटियों से इस्तीफा दे दिया है। आवश्यकता पड़ी तो NDA छोड़ने का ऐलान करूंगा, आवश्यकता पड़ी तो लोकसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दूंगा: हनुमान बेनीवाल, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी प्रमुख pic.twitter.com/mtxVaklNZr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 26, 2020
- गाजियाबाद : भारतीय किसान यूनियन राकेश टिकैत के समझाने पर किसानों ने दिल्ली से आने वाली एक लेन खोल दी है।
- गाजियाबाद : भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि समाधान निकालना किसान के हाथ में नहीं है, समाधान सरकार निकालेगी। किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन कर रहे हैं। किसान हारेगा तो सरकार हारेगी और किसान जीतेगा तो सरकार जीतेगी।
समाधान निकालना किसान के हाथ में नहीं है, समाधान सरकार निकालेगी। किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन कर रहे हैं। किसान हारेगा तो सरकार हारेगी और किसान जीतेगा तो सरकार जीतेगीः राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता #FarmersProtests pic.twitter.com/mOXodHvpdH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 26, 2020
- दिल्ली : नए कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बाॅर्डर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में आज राजस्थान शिक्षक संघ शामिल हो गया। संगठन के एक प्रतिनिधि ने बताया कि हमारे संगठन ने सरकार के खिलाफ राजस्थान में जगह-जगह प्रदर्शन किए हैं। इन कानूनों का प्रभाव पूरे मध्यम वर्ग पर पड़ेगा।
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बाॅर्डर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में राजस्थान शिक्षक संघ शामिल हुआ। संगठन के एक प्रतिनिधि ने बताया, "हमारे संगठन ने सरकार के खिलाफ राजस्थान में जगह-जगह प्रदर्शन किए हैं। इन कानूनों का प्रभाव पूरे मध्यम वर्ग पर पड़ेगा।" #FarmersProtest pic.twitter.com/PBqiXjc0dZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 26, 2020
- दिल्ली : आप नेता राघव चड्ढा ने शनिवार को कहा कि बीते 31 दिनों से देश का अन्नदाता दिल्ली के दरवाजे पर बैठा है और अपने हकों की लड़ाई लड़ रहा है। भाजपा सरकार का इस समय एक ही लक्ष्य है कि किसानों को निराश करो, थका दो और भगा दो।
बीते 31 दिनों से देश का अन्नदाता दिल्ली के दरवाजे पर बैठा है और अपने हकों की लड़ाई लड़ रहा है। भाजपा सरकार का इस समय एक ही लक्ष्य है कि किसानों को निराश करो, थका दो और भगा दो: आप नेता राघव चड्ढा pic.twitter.com/39RIyqvvTu
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 26, 2020
- गाजियाबाद : किसानों ने फिर से दिल्ली से कौशाम्बी जाने वाले रास्ते को बंद किया।
- गाजियाबाद : भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली से कौशाम्बी जाने वाले रास्ते को खुलवाने के लिए युवा किसानों को समझाया।
- गाजियाबाद : किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए आ रहे जिन किसानों को रास्ते में रोका हुआ था वे किसान शुक्रवार देर रात यूपी गेट पहुंच गए हैं। जगह-जगह रोके जाने की जानकारी यूपी गेट पर किसानों को मिल रही है इससे नाराज होकर रास्ता रोका गया है।
- गाजियाबाद : यूपी गेट पर आज फिर किसानों की भारी भीड़ जमा हो गई है। लगातार पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड से किसानों के जत्थे दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। किसानों ने दिल्ली से आने वाली लेन बंद करने के साथ ही एक्सप्रेस-वे की लिंक रोड भी रोक दी है।
Delhi: Protesting farmers block main Delhi-Mohan Nagar road at UP Gate (Delhi-Ghaziabad border).
— ANI (@ANI) December 26, 2020
"NH-9 & NH-24 closed from Delhi to Ghaziabad due to farmers' protests. People are advised to take alternate route for Ghaziabad via DND, ITO & Wazirabad," tweets Delhi Traffic Police pic.twitter.com/ntnh4J7CFq
- दिल्ली : बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। भारतीय किसान यूनियन के बिंदर सिंह गोलेवाला ने बताया कि हमें यहां आज पूरा एक महीना हो गया है। सरकार इन कानूनों को रद्द कर दे और हम वापस चले जाएंगे।
"Today, it has been a month since the farmers have been protesting. The Govt should repeal the three laws. As soon as that happens, we'll return to our homes," says a farmer from Punjab, at the designated protest site in Delhi's Burari
— ANI (@ANI) December 26, 2020
Visuals from Burari ground & Tikri border pic.twitter.com/G41gGMbXMc
- दिल्ली : कृषि कानून के खिलाफ लुधियाना के नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड के दृष्टबाधित लोग टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं।
Delhi: Specially-abled people from the National Federation of the Blind in Ludhiana join farmers' protest at the Tikri border. pic.twitter.com/W7GnjOSuob
— ANI (@ANI) December 26, 2020
- दिल्ली : नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने वाले टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी किसान ने बतायाकि जब तक कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता तब तक हम यही बैठे रहेंगे, चाहें 1 साल या उससे अधिक समय लग जाए।
कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, "जब तक कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता तब तक हम यही बैठे रहेंगे..चाहें 1 साल या उससे अधिक समय लग जाएं।" #FarmersProtest #FarmLaws pic.twitter.com/XNEy8T2ZOX
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 26, 2020
- दिल्ली : गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए सिंघु बॉर्डर की तरह दूसरा टेंट सिटी तैयार किया गया।
गाज़ीपुर (दिल्ली-यूपी) बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए सिंघु बॉर्डर की तरह दूसरा टेंट सिटी तैयार किया गया। pic.twitter.com/gFd72A43c2
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 26, 2020
- दिल्ली : सिंघु बॉर्डर पर डटे एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि मोदी सरकार से विनती है कि ये 3 काले कानूनों को रद्द करें। जो लोग हमें आतंकवादी कह रहे हैं, हम आतंकवादी नहीं हैं। जब हम हिंदुओं के लिए लड़ते हैं तब हम फरिश्ते और जब हम अपने लिए लड़ रहें तो हमें आतंकवादी बोल दिया जाता है। हम आतंकवादी नहीं किसान हैं।
मोदी सरकार से विनती है कि ये 3 काले कानूनों को रद्द करें। जो लोग हमें आतंकवादी कह रहे हैं हम आतंकवादी नहीं हैं.. जब हम हिंदुओं के लिए लड़ते हैं तब हम फरिश्ते और जब हम अपने लिए लड़ रहें तो हमें आतंकवादी बोल दिया जाता है..हम आतंकवादी नहीं किसान हैं: सिंघु बॉर्डर से एक प्रदर्शनकारी pic.twitter.com/SceQCh3vVG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 26, 2020
- दिल्ली : नए कृषि कानूनों के खिलाफ बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में किसान अभी भी डटे हुए हैं।
बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों - द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।