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सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारी मर्जी के खिलाफ, आग में घी डालने का काम कर रहा विपक्ष : कैलाश चौधरी

नए कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अगले आदेश तक रोक लगाए जाने के बाद केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने मंगलवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय हमारी इच्छा के विरुद्ध हुआ...

सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारी मर्जी के खिलाफ, आग में घी डालने का काम कर रहा विपक्ष : कैलाश चौधरी
नई दिल्ली। एएनआईTue, 12 Jan 2021 08:27 PM
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नए कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अगले आदेश तक रोक लगाए जाने के बाद केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने मंगलवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय हमारी इच्छा के विरुद्ध हुआ है। हम चाहते थे कि कानून यथावत रहें और होल्ड न हों, लेकिन इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सर्वमान्य है और हम निर्णय का स्वागत करते हैं। 

उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय दिवस है और उस दिवस पर अगर हम ट्रैक्टर रैली या कोई विरोध प्रदर्शन करते हैं तो इसका देश ही नहीं पूरे विश्व में नकारात्मक संदेश जाता है। मैं सोचता हूं कि किसान यूनियन के नेता इस बात को समझेंगे। वहीं, किसानों के सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी को न मानने की बात पर कैलाश चौधरी ने कहा कि ऐसी बात करने वाले लोग निश्चित रूप से राजनीति से प्रेरित हैं जो नहीं चाहते कि ​इस समस्या का शांतिपूर्ण समाधान निकले। उन्होंने कहा कि विपक्ष आग में घी डालने का काम कर रहा है।

सिंघु बॉर्डर पर संवाददाता को संबोधित करते हुए किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि वे किसी कमेटी के समक्ष पेश नहीं होंगे और अपना आंदोलन जारी रखेंगे। किसान नेताओं ने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के सदस्य सरकार समर्थक हैं। उन्होंने कहा कि संसद को इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए और इसका समाधान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम कोई बाहरी कमेटी नहीं चाहते हैं। 

वहीं, किसान संगठनों के नेताओं का कहना है कि वे 15 जनवरी को सरकार के साथ होने वाली बैठक में शामिल होंगे और उसके बाद ही आगे की रणनीति और 26 जनवरी के कार्यक्रम की रूपरेखा तय करेंगे। 

बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई चार सदस्यीय कमेटी में बीकेयू के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान, शेतकारी संगठन (महाराष्ट्र) के अध्यक्ष अनिल घनावत, अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान दक्षिण एशिया के निदेशक प्रमोद कुमार जोशी और कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी शामिल हैं।

हरियाणा और पंजाब सहित देश के विभिन्न हिस्सों के किसान पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं और तीनों कानूनों को वापस लेने तथा अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की वैधानिक गारंटी की मांग कर रहे हैं। 

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