ED ने 'आप' के मंत्री कैलाश गहलोत के भाई की 1.46 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फेमा और हवाला से जुड़े मामले में दिल्ली के मंत्री कैलाश गहलोत के भाई हरीश गहलोत के दिल्ली में वसंत कुंज स्थित एक फ्लैट और हरियाणा स्थित लगभग 1.46 करोड़ रुपये की कीमत...
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फेमा और हवाला से जुड़े मामले में दिल्ली के मंत्री कैलाश गहलोत के भाई हरीश गहलोत के दिल्ली में वसंत कुंज स्थित एक फ्लैट और हरियाणा स्थित लगभग 1.46 करोड़ रुपये की कीमत वाली एक जमीन को जब्त कर लिया है।
ईडी ने कहा कि उसने विदेश में कथित अवैध संपत्तियों के मामले में फ्लैट और हरियाणा के एक गांव स्थित एक जमीन को जब्त करने के लिए फेमा की धारा 37ए के तहत आदेश प्राप्त किया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बयान में कहा कि आयकर विभाग से मिली इस सूचना के आधार पर विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत जांच शुरू की गई थी कि हरीश गहलोत द्वारा सितंबर 2018 में दुबई में दो फ्लैटों की खरीद के वास्ते अग्रिम भुगतान के लिए दिल्ली के एक हवाला डीलर के माध्यम से एक करोड़ रुपये भारत से दुबई भेजे गए।
ED seizes flat in Vasant Kunj & land at Chauma Village, Haryana worth ₹ 1.46 crore of Harish Gahlot under section 37 of FEMA in a case for holding foreign asset equivalent to ₹ 1.46 crores in UAE.
— ED (@dir_ed) May 7, 2019
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, 'आप' विधायक एवं दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के परिवार और सहयोगियों से जुड़े परिसरों पर आयकर विभाग ने पिछले साल अक्टूबर में छापे मारे थे। उनके भाई हरीश गहलोत की संपत्तियों की जांच भी की गई थी। आयकर विभाग ने दो कंपनियों-ब्रिस्क इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड तथा कॉरपोरेट इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के खिलाफ कर चोरी से संबंधित जांच के सिलसिले में छापेमारी की थी जिनका कथित तौर पर स्वामित्व और परिचालन नियंत्रण कैलाश गहलोत के परिवार के सदस्यों के पास है। कैलाश गहलोत ने किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया था और 'आप' ने कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया था।
ईडी ने कहा कि उसकी जांच में खुलासा हुआ कि सितंबर 2018 में हरीश गहलोत ने अपने छोटे बेटे नीतेश गहलोत को एक करोड़ रुपये की नकदी दी थी जो प्रवासी भारतीय हैं और दुबई में पढ़ाई कर रहे हैं। उन्हें यह धन कथित तौर पर हवाला चैनल के जरिये दुबई भेजने के लिए दिया गया था।
एजेंसी ने कहा कि नीतेश गहलोत ने अपने संपर्कों के जरिये दिल्ली के हवाला डीलर इंदरपाल वधावन से संपर्क किया। वधावन ने चार लाख रुपये कमीशन के तौर पर अपने पास रख लिए और 96 लाख रुपये के बराबर दिरहम दुबई पहुंचाए। यह राशि नीतेश गहलोत के दोस्त ने हासिल की और इसे नीतेश के दुबई बैंक एकाउंट में जमा कराया।
ईडी ने कहा कि इस राशि में से नीतेश ने अपने तथा अपने पिता हरीश गहलोत, अपनी मां और बड़े भाई के नाम पर दो फ्लैटों की बुकिंग के लिए दुबई के डेवलपरों को भुगतान किया।