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छात्रों ने कहा- युवाओं में राजनीतिक दलों की लोकप्रियता की परीक्षा है DUSU चुनाव

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में मतदान करने वाले छात्रों ने कहा कि इस चुनाव परिणाम से सभी राजनीतिक दलों को 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले युवा मतदाताओं की मनोदशा को समझने में मदद...

छात्रों ने कहा- युवाओं में राजनीतिक दलों की लोकप्रियता की परीक्षा है DUSU चुनाव
नई दिल्ली | एजेंसीWed, 12 Sep 2018 06:27 PM
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दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में मतदान करने वाले छात्रों ने कहा कि इस चुनाव परिणाम से सभी राजनीतिक दलों को 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले युवा मतदाताओं की मनोदशा को समझने में मदद मिलेगी।

हंसराज कॉलेज में हिंदी में बीए (ऑनर्स) के सेकेंड ईयर के छात्र प्रखर यादव ने कहा कि डूसू चुनाव के नतीजे बताएंगे कि युवा मतदाताओं का रुख किस तरफ है, जिससे सभी राजनीतिक दलों को उसके अनुसार ही आगे की तैयारी करने में सुविधा रहेगी।

DUSU चुनाव के वादों में सैनिटरी पैड से लेकर 10 रुपये में थाली भी शामिल

किरोड़ीमल कॉलेज में राजनीति विज्ञान में बीए (ऑनर्स) के सेकेंड ईयर की छात्रा प्रेरणा भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में देशभर से छात्र आते हैं। इसलिए यह जानने के लिए युवा भारत क्या चाहता है इससे बेहतर कोई और तरीका नहीं हो सकता है। एक तरह से, डूसू चुनाव परिणाम एक संकेतक होंगे कि भारत के युवा मतदाता क्या चाहते हैं।

इसी प्रकार की समान भावनाओं को व्यक्त करते हुए रामजस कॉलेज में हिस्ट्री में बीए (ऑनर्स) के फर्स्ट ईयर के छात्र और पहली बार वोट डाल रहे वेदांश ने कहा कि चुनाव के नतीजे यह जानने में मदद करेंगे कि युवा शिक्षित मतदाता क्या चाहता है?

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, कई छात्रों ने कहा कि पार्टियों ने उनके घोषणापत्रों में भी युवा-केंद्रित ऐसे मुद्दों का उल्लेख किया है, जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर बहस को उकसाया है। उन्होंने कहा कि यह इंगित करता है कि पार्टियां युवा मतदाताओं को लुभाने के लिए रणनीतियां बना रही हैं।

किरोड़ीमल कॉलेज की छात्रा पूजा ने कहा, "उदाहरण के लिए, जहां एनएसयूआई ने अपने घोषणापत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय को ''उत्कृष्टता संस्थान'' का दर्जा दिलाने का वादा किया है, वहीं एबीवीपी ने 'भारत फर्स्ट' के तहत एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों के मुद्दों को उठाया है। इसके साथ ही घोषणापत्रों में उन मुद्दों की गूंज भी सुनाई देती है जिन पर वर्तमान में बहस की जा रही है और राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा की जा रही है।"

पूजा की बात पर सहमति जताते हुए एक अन्य छात्रा ने कहा कि एबीवीपी जहां सैनिटरी पैड पर जीएसटी की छूट का श्रेय ले रही है, जबकि आईसा-सीवाईएसएस ने चुनाव जीतने पर शिक्षा के व्यावसायीकरण और निजीकरण का विरोध करने की बात कही है।

लोकसभा चुनावों के लिए सेमीफाइनल की तरह डूसू चुनाव

कांग्रेस समर्थित छात्र संघ एनएसयूआई के एक सदस्य ने कहा कि डूसू चुनाव लोकसभा चुनावों के लिए सेमीफाइनल की तरह हैं जो यह दिखाएंगे कि युवा, शिक्षित मतदाता क्या चाहते हैं।

आरएसएस से संबद्ध एबीवीपी के एक सदस्य ने कहा कि चुनाव के परिणाम आम जनता और मीडिया को मतदाताओं की मनोदशा के बारे में एक निष्कर्ष निकालने में मदद करेंगे और यह भी विचार करेंगे कि राष्ट्रीय राजनीति में क्या प्रवृत्ति है।

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