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कोरोना काल में 1200 बेरोजगारों से नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी, 11 गिरफ्तार

राजधानी दिल्ली में मेहरौली थाना पुलिस ने नौकरी के नाम पर छह राज्यों के 1200 लोगों से करीब 20 लाख रुपये की ठगी करने वाले गैंग के 11 बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इनमें गैंग का सरगना आशीष उर्फ अमन...

कोरोना काल में 1200 बेरोजगारों से नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी, 11 गिरफ्तार
नई दिल्ली वरिष्ठ संवाददाताTue, 29 Dec 2020 09:01 PM
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राजधानी दिल्ली में मेहरौली थाना पुलिस ने नौकरी के नाम पर छह राज्यों के 1200 लोगों से करीब 20 लाख रुपये की ठगी करने वाले गैंग के 11 बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इनमें गैंग का सरगना आशीष उर्फ अमन भी शामिल है। कोरोना काल में बड़ी संख्या में बेरोजगार हुए लोगों से यह लोग ठगी कर रहे थे। पुलिस ने गैंग के फर्जी कॉल सेंटर का भी पर्दाफाश किया है, जहां से आरोपी लोगों को कॉल कर नौकरी का झांसा देते थे और रजिस्ट्रेशन, ड्रेस आदि शुल्क के नाम पर खाते में रुपये मंगाकर नंबर बंद कर देते थे।

पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि 25 दिसंबर को मेहरौली थाना एसएचओ हरेंद्र सिंह, एसआई वरुण, राजेश कुमार, अमित की टीम को सूचना मिली कि सैदुल्लाबाद स्थित एक इमारत में फर्जी कॉल सेंटर चल रहा है। पुलिस टीम ने इमारत में छापा मारा तो वहां चार युवती और पांच युवक फोन पर बातें करते हुए मिले। पुलिस ने तुरंत आरोपियों विकास यादव, कृष्णा, नजाकत अली, रूप बसंत, अविनाश, प्रीति, रितु, उर्मिला और बेबी को हिरासत में ले लिया और पूछताछ शुरू की।

आरोपियों ने बताया कि वे अर्जुन, आशीष और राहुल के लिए काम करते हैं और इस कॉल सेंटर से देशभर में लोगों को कॉल कर विस्तारा, इंडिगो, अल्ट्राटेक, टाटा जैसी मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की जाती है। पुलिस ने छानबीन के दौरान मौके से 31 रजिस्टर, 5 लैपटॉप, 5 मोबाइल और 8 सिम कार्ड, दर्जनों फर्जी अप्वाइंटमेंट लेटर बरामद किए। पुलिस ने आरोपियों के बयान के बाद 28 दिसंबर को दिल्ली से अर्जुन और आशीष को भी दबोच लिया, जबकि राहुल अभी फरार है।

भर्ती के लिए निकाला था विज्ञापन
गैंग के सरगना आशीष ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि उसने बीटेक के बाद एक निजी बैंक में नौकरी की थी। नौकरी छूटने के बाद नई नौकरी नहीं मिली तो आशीष ने राहुल और अर्जुन के साथ मिलकर डेढ़ माह पहले ठगी के लिए फर्जी कॉल सेंटर शुरू किया था। कॉल सेंटर में काम करने के लिए विज्ञापन देकर लोगों की भर्ती की गई। आरोपियों ने कॉल सेंटर में काम करने वाले सभी लोगों को पहले ही बता रखा था कि उन्हें ठगी करनी है। कॉल सेंटर में काम करने वाले लोगों को वेतन के अलावा इंसेंटिव भी दिया जाता था। जो जितनी ज्यादा रकम ठगता था, उसे वेतन के अलावा इंसेंटिव भी दिया जाता था।

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