हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने केंद्र के तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों और उनके समर्थकों से शनिवार को अपील की कि वे हरियाणा में गणतंत्र दिवस समारोहों के दौरान मंत्रियों व नेताओं का विरोध न करें। हालांकि, उन्होंने कहा कि किसान रैलियों और अन्य दिनों में होने वाले कार्यक्रमों में राज्य के मंत्रियों का विरोध जारी रखें।
चढ़ूनी ने एक वीडियो संदेश में कहा कि मैं अनुरोध करना चाहूंगा कि हरियाणा में अगर कोई मंत्री या नेता गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रध्वज फहराने के कार्यक्रम में आता है तो हमें उसका विरोध नहीं करना है। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में किसी भी तरह के व्यवधान से गलत संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के मंत्री अगर और दिन राज्य में रैलियां करते हैं या कार्यक्रम करते हैं, तो किसान उनका विरोध जारी रखेंगे।
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इससे पहले, इसी महीने प्रदर्शनकारी किसानों ने करनाल में किसान महापंचायत की जगह पर तोड़फोड़ की थी, जहां हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर केंद्र के नए कृषि कानूनों के फायदों से लोगों को अवगत कराने वाले थे। पिछले महीने प्रदर्शनकारी किसानों के एक समूह ने अंबाला शहर में उस वक्त खट्टर को काले झंडे दिखाए गए थे, जब उनका काफिला वहां से गुजर रहा था। पिछले महीने ही एक अन्य घटना में किसानों के एक समूह ने केंद्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया को अंबाला शहर से लगे जांडली गांव में काले झंडे दिखाए थे।
26 जनवरी को मुख्यमंत्री खट्टर पानीपत में राष्ट्र ध्वज फहराएंगे
गौरतलब है कि खट्टर और प्रदेश के मंत्रियों को 26 जनवरी को राज्य भर में अलग-अलग स्थानों पर राष्ट्र ध्वज फहराना है। आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, मुख्यमंत्री खट्टर पानीपत में राष्ट्र ध्वज फहराएंगे। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला अंबाला में तिरंगा फहराएंगे। शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुरुग्राम में और परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा रेवाड़ी में ध्वजारोहण करेंगे। हरियाणा पुलिस के सूत्रों ने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह से जुड़े सभी स्थलों जहां पर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री या मंत्री मौजूद रहेंगे, वहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
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किसान गणतंत्र दिवस पर शांति-अनुशासन भंग न होने दें : हुड्डा
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी शुक्रवार को किसानों से अपील करते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस पर शांति तथा अनुशासन को किसी कीमत पर भंग न होने दें अन्यथा ये आंदोलन कमजोर पड़ जाएगा। उन्होंने हिसार में कहा कि सरकार को किसानों को डराने की बजाय मनाने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने किसानों से अपील की कि राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर किसी भी कीमत पर शांति व अनुशासन भंग न होने दें। शांति व अनुशासन हुआ तो ये आंदोलन कमजोर पड़ जाएगा। अनुशासन और अहिंसा किसान आंदोलन के दो सबसे बड़े हथियार हैं। इस पर टिके रहना सबसे बड़ी ताकत है। इस पथ पर हमें अडिग रहना है। हुड्डा ने कहा कि सरकार किसानों से टकराने की नीति बनाने की बजाय समाधान करें और जल्द किसानों की मांगों को पूरा करें। मैं भी एक किसान पुत्र हूं और किसानों के दु:ख-तकलीफों को समझता हूं।
सरकार सत्ता के घमंड में पूरी तरह से चूर
वह शुक्रवार को जिले में हिसार-दिल्ली नेशनल हाइवे-9 पर स्थित रामायण टोल प्लाजा पर चल रहे किसानों के धरने पर पहुंचे और किसानों की मांगों का समर्थन किया। यहां पर किसानों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 58 दिनों से देश का अन्नदाता अपनी मांगों को लेकर सर्दी के मौसम में कड़ाके की ठंड में अपनी जायज मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, मगर सरकार उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। उन्होंने कहा कि जो किसान पूरे देश का पेट भरने का काम करता है, जिसको हम अन्नदाता का रूप मानते हैं। वही आज सड़कों पर सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार को उनकी ओर ध्यान देना चाहिए। किसान अपने आपको असहाय न समझें, हम उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि किसी को भी किसानों की देशभक्ति पर सवाल नहीं उठाना चाहिए, बल्कि अन्नदाताओं के जज्बे को सलाम करना चाहिए। हुड्डा ने कहा कि तीन कृषि कानून रद्द करवाने के लिए चल रहे देशव्यापी किसान आंदोलन में 100 के करीब अन्नदाता शहीद हो चुके हैं, मगर सरकार का दिल फिर भी नहीं पसीज रहा। सरकार सत्ता के घमंड में पूरी तरह से चूर है, उनको पता होना चाहिए कि जो सत्ता पर बैठाना जानता है वह उसे हटाना भी जानता है।
(न्यूज एजेंसी वार्ता के इनपुट के साथ)