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फरमान : शहर की शादियों में डीजे पर लगा बैन, आदेश न मानने पर ये है सजा

नोएडा जिला प्रशासन ने आदेश जारी कर शादियों में डीजे बजाने पर रोक लगा दी है। डीजे संचालकों से एडवांस बुकिंग के रुपये को तत्काल वापस करने और नई बुकिंग न करने के आदेश दिए हैं। यह आदेश सोमवार को सेक्टर-6...

फरमान : शहर की शादियों में डीजे पर लगा बैन, आदेश न मानने पर ये है सजा
नोएडा | संवाददाता Wed, 23 Oct 2019 12:12 PM
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नोएडा जिला प्रशासन ने आदेश जारी कर शादियों में डीजे बजाने पर रोक लगा दी है। डीजे संचालकों से एडवांस बुकिंग के रुपये को तत्काल वापस करने और नई बुकिंग न करने के आदेश दिए हैं। यह आदेश सोमवार को सेक्टर-6 स्थित एसपी सिटी कार्यालय में डीजे संचालकों की बैठक में सिटी मजिस्ट्रेट शैलेंद्र कुमार मिश्र ने दी।

सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदूषण नियंत्रण कानून के मानकों के विपरीत तेज ध्वनि वाले संयंत्रों को बजाने पर पूर्णतया रोक है। इसलिए जिले में किसी भी शादी, मांगलिक कार्य और पार्टी इत्यादि में डीजे बजने पर रोक लगा दी है। यदि कोई नियमों का उल्लंघन करता मिलता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सिटी मजिस्ट्रेट शैलेंद्र मिश्रा और एसपी सिटी अशोक कुमार की सयुंक्त अध्यक्षता में मंगलवार दोपहर एक बजे डीजे संचालकों के साथ बैठक हुई। बैठक में कहा गया कि डीजे एक हजार डेसीबल से अधिक की आवाज करता है, इससे ध्वनि प्रदूषण होता है और इसे बजाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। बैठक में शहर के 45 डीजे संचालक शामिल हुए।

बैठक ने सिटी मजिस्ट्रेट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को डीजे संचालकों को पढ़कर सुनाया है। डीजे संचालक पिछले एक महीने से डीजे बंद करने को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

जिला प्रशासन दिलाएं स्वरोजगार प्रशिक्षण : बैठक के दौरान डीजे संचालकों ने प्रशासन से रोजगार की मांग की। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि डीजे संचालकों को जिला प्रशासन द्वारा स्वरोजगार प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। जो पूर्णतया निशुल्क होगा। ताकि वे अपना रोजगार स्थापित कर सके।

प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं मिलेगी 

सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि यदि शहर में किसी भी पार्टी, सेमिनार, धार्मिक जागरण व अन्य कार्यक्रमों में डीजे बजाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति विभिन्न कार्यक्रमों की अनुमति मांगता है तो उसे यह भी सुनश्चित करना होगा कि कार्यक्रम में डीजे का उपयोग नहीं किया जाएगा।

पांच साल तक की सजा और एक लाख जुर्माना

सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण कानून का उल्लंघन करना मूल अधिकारों का उल्लंघन है। कोर्ट ने शहरी, रिहायशी, व्यावसायिक आदि इलाकों को ध्वनि मुक्त क्षेत्र में डीजे पर पूर्णतया बैन लगा दिया है, जिसके चलते शहर में डीजे पर प्रतिबंध लगाया गया है। यदि यहां किसी व्यक्ति द्वारा इन स्थानों पर डीजे बजाने गया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। कानून का उल्लंघन करने पर पांच साल की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।   

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