टूलकिट मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने निकिता जैकब, शांतनु और दिशा रवि को मंगलवार को आमने-सामने बैठाकर करीब चार घंटे तक पूछताछ की। इसके पहले सोमवार को भी दिल्ली पुलिस ने निकिता जैकब और शांतनु से करीब पांच घंटे तक पूछताछ की थी। अदालत ने सोमवार को ही दिशा रवि की रिमांड एक दिन बढ़ा दी थी।
दिशा रवि को शांतनु और निकिता जैकब के सामने बैठाकर पुलिस ने करीब चार घंटे की पूछताछ में 25 से ज्यादा सवाल पूछे। इस दौरान पुलिस को कई सवालों के जवाब मिले भी, जबकि कई सवालों के जवाब की अब भी तलाश है। इसके लिए पुलिस जहां इन तीनों से जुड़े अबतक की जांच में उपलब्ध डिजिटल साक्ष्यों का विश्लेषण कर रही है, वहीं कुछ अन्य सबूत एकत्र करने में भी जुटी है।
दिशा ने शांतनु-निकिता पर डाले सभी आरोप
जांच के दौरान दिशा रवि ने ज्यादातर आरोपो वाले सवालों के जवाब शांतनु-निकिता की तरफ डाल दिए। कई सवाल पर दिशा रवि ने यह कहा कि उन्हें कुछ नहीं मालूम। निकिता व शांतनु के कहने पर उसे जानकारी मिली या फिर उसने ऐसा किया। साइबर सेल सूत्रों की मानें तो दिल्ली पुलिस ने जूम मीटिंग को लेकर कई सवालों के बौछार इन तीनों के सामने किए। वहीं टुलकिट को बनाने, उसे एडिट करने और उसे प्रसारित करने के नेटवर्क को लेकर भी तीनों से कई सवाल किए गए।
दिल्ली पुलिस का दावा
पर्यावरणविद दिशा रवि को किसान आंदोलन के दौरान हिंसा भड़काने के लिए टूलकिट बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस का दावा है कि इसके पीछे खालिस्तान से जुड़े संगठनों की साजिश है। पुलिस ने बताया कि 17 और 18 जनवरी को भी जूम मीटिंग की गई और 23 को टूलकिट तैयार हुआ था। इस टूलकिट को तैयार करने में तीनों ही आरोपियों की भूमिका बेहद अहम थी। दरअसल कनाडा के पोएटिक जस्टिक फाउंडेशन से जुड़ा एमओ धालीवाल भारत में किसानों की आड़ में माहौल खराब करने की फिराक में था। इसलिए उसने भारत के ही इन लोगों का सहारा लिया। दिशा रवि ने टूलकिट में एडिट किया। इनका सहयोगी शांतनु दिल्ली आया था और 20 से 27 तक दिल्ली में था और दिशा ने सुबूतों के साथ छेड़छाड़ की।