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दिल्ली में पेयजल के मानक को अनिवार्य रूप से लागू करने पर बनी सहमति

केंद्रीय खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने गुरुवार को एक बार फिर कहा कि दिल्ली का पेयजल पीने लायक नहीं है। पासवान ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) रिपोर्ट का हवाला देते हुए...

दिल्ली में पेयजल के मानक को अनिवार्य रूप से लागू करने पर बनी सहमति
नई दिल्ली | एजेंसीThu, 03 Oct 2019 06:57 PM
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केंद्रीय खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने गुरुवार को एक बार फिर कहा कि दिल्ली का पेयजल पीने लायक नहीं है। पासवान ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह बात कही।

हाल ही में पासवान ने दिल्ली में नल के पानी को पीने लायक नहीं बताया था। इसके बाद बीएसई ने अपनी शुरुआती जांच में पाया कि दिल्ली का पानी पीने लायक नहीं है। दिल्ली में अलग-अलग जगहों से घरों में सप्लाई होने वाले पानी के 11 सैंपलों की जांच की गई थी।

भरतीय मानक ब्यूरो राज्यों को भेजेगा पत्र

पासवान ने गुरुवार को कहा कि राजधानी दिल्ली में शुद्ध पेयजल के मानक को अनिवार्य रूप से लागू करने पर सहमति बन गई है और राज्यों से भी ऐसा ही करने का अनुरोध किया जाएगा। पासवान ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उपभोक्ता मामले विभाग, दिल्ली के पेयजल आपूर्ति विभाग, जल बोर्ड, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) और नगर निगमों की यहां हुई बैठक में पेयजल के मानक को अनिवार्य रूप से लागू करने पर आम सहमति बनी। भरतीय मानक ब्यूरो इस संबंध में आज ही राज्यों को पत्र भेजेगा।

अंतरराष्ट्रीय मानक की तुलना में पीछे

उन्होंने कहा कि 100 स्मार्ट शहरों में शुद्ध पेयजल के मानक को अनिवार्य रूप से लागू करने की योजना है। वर्ष 2024 तक हर घर में पाइप के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शुद्ध पेयजल का मानक 42 पैरामीटर पर पानी की जांच के बाद निर्धारित किया जाता है, लेकिन दिल्ली का पानी कई बार 12 पैरामीटर को ही पूरा कर पाते हैं। देश में पेयजल का मानक अंतरराष्ट्रीय मानक की तुलना में निम्न किस्म का है।

बीआईएस के उप महानिदेशक जे. राय चौधरी ने बताया कि दिल्ली में आपूर्ति की जाने वाली पानी में मेटल, बैक्टीरिया, हार्डनेस आदि जैसी कई कमियां पाई गई हैं। दिल्ली में 1952 से नल से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है और 1965 में इसका मानक निर्धारित किया गया था। अंतिम बार वर्ष 2012 में पेयजल का मानक निर्धारित किया गया था।

राज्यों की रैंकिंग जारी होगी

पासवान ने कहा कि राज्यों की राजधानियों में पेयजल की जांच के लिए बीआईएस की टीम भेजी गई है। पूरी रिपोर्ट आने में एक माह का समय लगेगा। इसके बाद राज्यों की रैंकिंग जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड राजधानी में मुख्य पेयजल आपूर्तिकर्ता है। नगर निगम इसे अलग-अलग हिस्सों में पहुंचाता है। पानी में अनिवार्य रूप से मानक नहीं लागू होने के कारण जिम्मेदारी का निर्धारण नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गरीब भी पानी पीते हैं उनके जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है। 

रामविलास पासवान बोले, दिल्ली का पानी पीने लायक नहीं

ज्ञात हो कि कुछ समय पहले भी पासवान ने दिल्ली के पानी पर सवाल उठाया था, तब दिल्ली के मुख्यमंत्री और दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने इस पर सफाई देते हुए कहा था कि दिल्ली का पानी पूरी तरह पीने योग्य है। इसमें कहीं कोई दिक्कत नहीं है। यदि रामविलास पासवान के पास किसी निश्चित स्थान के पानी के बारे में कोई जानकारी हो तो वो उन्हें बताएं उसकी जांच कराकर दिक्कत दूर की जाएगी। 

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