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लाल किला हिंसा: दीप सिद्धू ने कोर्ट में कहा- भीड़ जुटाने में नहीं थी मेरी कोई भूमिका

गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा को लेकर आरोपी पंजाबी अभिनेता एवं कार्यकर्ता दीप सिद्धू की जमानत याचिका पर बहस के दौरान बचाव पक्ष ने कहा कि उनका...

लाल किला हिंसा: दीप सिद्धू ने कोर्ट में कहा- भीड़ जुटाने में नहीं थी मेरी कोई भूमिका
नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाताThu, 08 Apr 2021 05:05 PM
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गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा को लेकर आरोपी पंजाबी अभिनेता एवं कार्यकर्ता दीप सिद्धू की जमानत याचिका पर बहस के दौरान बचाव पक्ष ने कहा कि उनका मुवक्किल भीड़ को जुटाने में शामिल नहीं था। ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे यह साबित होता हो कि सिद्धू ने लोगों से वहां एकत्रित होने का आह्वान किया हो।

तीस हजारी कोर्ट में दीप सिद्धू की तरफ से जमानत याचिका पर बहस के करते हुए वकील अभिषेक गुप्ता ने कहा कि यह प्रदर्शन किसान नेताओं ने आयोजित किया था। उनका मुवक्किल किसी किसान यूनियन का सदस्य नहीं है। उस पर लगे भीड़ इकट्ठा करने और भड़काने के आरोप सरासर गलत हैं। सिद्धू किसी हिंसक कार्रवाई में शामिल नहीं था।

बचाव पक्ष के वकील का कहना था कि सिद्धू हिंसा भड़कने से पहले ही वहां से चला गया था। इतना ही नहीं उसने हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस का साथ दिया था। वहां मौजूद होने का यह मतलब नहीं है कि वह भी गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा भीड़ का हिस्सा हो गया। वकील अभिषेक ने दिल्ली पुलिस के ही साक्ष्यों का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस की तरफ से दो वीडियो साक्ष्य के तौर पर पेश किए गए हैं, उनमें दीप सिद्धू भीड़ को शांत कराता दिख रहा है।

वकील ने यह भी कहा कि अगर न्यायाधीश चाहें तो वह इस वीडियो को अदालत में चलाकर दिखा सकते हैं। साथ ही दलील दी गई कि सिद्धू ना सिर्फ पंजाबी अभिनेता हैं बल्कि वह एक वकील भी हैं। उन्हें तो एक जाना-पहचाना चेहरा होने के कारण बलि का बकरा बनाया गया है। बचाव पक्ष का यह भी कहना था कि इस मामले को मीडिया ट्रायल पर चलाया जा रहा है। सिद्धू की गलती यह है कि वह गलत समय पर गलत जगह पर थे, लेकिन इस गलती का मतलब यह नहीं कि वह अपराधी हो गए। बचाव पक्ष ने कहा कि पुलिस की एफआईआर में कहा गया है कि लाल किले के गेट को दोपहर साढ़े 12 बजे तोड़ा गया और भीड़ उस पर चढ़ गई, जबकि सिद्धू दिल्ली ही दोपहर दो बजे के बाद पहुंचे हैं। 

अभियोजन ने कहा पुलिस को नहीं पहुंचा सकते चोट

वहीं, सरकारी वकील ने इस जमानत याचिका पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मौलिक अधिकार का मतलब यह कतई नहीं है कि पुलिस अधिकारियों को चोट पहुंचाई जाए। सरकारी वकील ने कहा कि क्या पुलिसकर्मी का कोई मौलिक अधिकार नहीं होता। अदालत ने इस मामले में अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका पर सुनवाई को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया है।

ज्ञात रहे कि 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा के मामले में दीप सिद्धू को पुलिस ने 9 फरवरी को करनाल से गिरफ्तार किया था। उसके बाद से वह न्यायिक हिरासत में जेल में है। दरअसल गणतंत्र दिवस पर किसानों को ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति दी गई थी, जिसके बाद यह हिंसा हुई।

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