दिल्ली में 58 साल में इस बार सबसे ठंडा रहा अक्टूबर, मौसम विभाग ने बताया इसका कारण
राजधानी दिल्ली में बढ़ते कोविड-19 संक्रमण और वायु प्रदूषण के बीच अक्टूबर महीने में बढ़ी ठंड ने बीते 58 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दिल्ली में 31 अक्टूबर, 1937 को अब तक का सबसे कम 9.4...
राजधानी दिल्ली में बढ़ते कोविड-19 संक्रमण और वायु प्रदूषण के बीच अक्टूबर महीने में बढ़ी ठंड ने बीते 58 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दिल्ली में 31 अक्टूबर, 1937 को अब तक का सबसे कम 9.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था।
भारत के मौसम विभाग (IMD) के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अक्टूबर में न्यूनतम तापमान 17.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। इससे पहले वर्ष 1962 में अक्टूबर महीने का औसत न्यूनतम तापमान 16.9 डिग्री सेल्सियस रहा था।
आमतौर पर, दिल्ली में अक्टूबर महीने में न्यूनतम तापमान 19.1 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। गुरुवार को दिल्ली में न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो पिछले 26 साल में अक्टूबर के महीने में सबसे कम था। आखिरी बार दिल्ली में ऐसा कम तापमान 1994 में दर्ज किया गया था।
आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, 31 अक्टूबर, 1994 को दिल्ली में 12.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। आईएमडी ने कहा कि साल के इस समय का सामान्य न्यूनतम तापमान 15-16 डिग्री सेल्सियस है।
आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि इस बार इतने कम न्यूनतम तापमान का प्रमुख कारण साफ आसमान और बादलों की गैर मौजूगी का अभाव है। श्रीवास्तव ने कहा कि इसका एक और कारण शांत हवाएं हैं जो धुंध और कोहरे को बनने देती हैं।
दिल्ली में बढ़ने लगी सर्दी, न्यूनतम तापमान ने तोड़ा 26 साल का रिकॉर्ड
दिल्ली में गुरुवार को न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछले 26 वर्षों में अक्टूबर महीने में सबसे कम है। मौसम विभाग के मुताबिक, साल के इस समय में सामान्य न्यूनतम तापमान 15 से 16 डिग्री सेल्सियस रहता है। विभाग के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा था कि इससे पहले वर्ष 1994 में दिल्ली में इतना कम तापमान दर्ज किया गया था।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब'
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन शनिवार सुबह यह 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी रही, वहीं एक सरकारी पूर्वानुमान एजेंसी ने कहा है कि हवा की अनुकूल गति के कारण अगले कुछ दिन में प्रदूषण की स्थिति में सुधार हो सकता है। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सुबह 9.30 बजे 369 मापा गया। शुक्रवार को 24 घंटे का औसत AQI 374 रहा। गुरुवार को यह 395, बुधवार को 297, मंगलवार को 312 और सोमवार को 353 दर्ज किया गया। जहांगीरपुरी में शनिवार को हवा की गुणवत्ता 412, मुंडका में 407 और आनंद विहार में 457 दर्ज की गई, जो 'गंभीर' श्रेणी में है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी 'सफर' के अनुसार शुक्रवार को दिल्ली में पीएम 2.5 प्रदूषक कणों में पराली जलाने की भागीदारी 19 प्रतिशत रही। 'सफर के अनुसार गुरुवार को पराली जलाने की हिस्सेदारी 36 प्रतशित रही। बुधवार को यह 18 प्रतिशत, मंगलवार को 23 प्रतिशत, सोमवार को 16 प्रतिशत, रविवार को 19 प्रतिशत और शनिवार को नौ प्रतिशत रही।
पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में खेतों में पराली जलाने की घटनाओं में इजाफा हुआ है और इससे दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की हवा की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। 'सफर ने कहा कि हवा की रफ्तार भी बढ़ गयी है। इसके मद्देनजर सोमवार को वायु गुणवत्ता में थोड़े सुधार का अनुमान है और यह 'खराब' श्रेणी में आ सकती है।
उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है।