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Delhi Weather: राजधानी में क्यों बढ़ रहा है सर्दी का सितम, अभी और परेशान करेगा प्रदूषण, जानें किस दिन से मिलेगी राहत

राजधानी दिल्ली पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय से कांप रही है। 15 जनवरी को 1951 के बाद से इस दिन का सबसे कम तापमान दर्ज किया गया। एक चीज जिसकी वजह से कड़ाके की ठंड पड़ रही है, वह है धूप की कमी। इस बार...

Delhi Weather: राजधानी में क्यों बढ़ रहा है सर्दी का सितम, अभी और परेशान करेगा प्रदूषण, जानें किस दिन से मिलेगी राहत
हिन्दुस्तान ब्यूरो,नई दिल्लीThu, 20 Jan 2022 10:26 AM
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राजधानी दिल्ली पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय से कांप रही है। 15 जनवरी को 1951 के बाद से इस दिन का सबसे कम तापमान दर्ज किया गया। एक चीज जिसकी वजह से कड़ाके की ठंड पड़ रही है, वह है धूप की कमी। इस बार सर्दी इतनी क्यों पड़ रही है, इसे समझने के लिए मौसम के आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं।

13 जनवरी को कम दृश्यता के कारण इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लगभग 100 उड़ानों के आवागमन में देरी हुई। बहुत अधिक प्रूदषण भी इसका एक कारण है। हाल के वर्षों में मानकों के अनुसार 16 जनवरी तक का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 267.8 अंक रहा, जो 2018 के बाद से सबसे कम है। इससे पता चलता है कि धुंध की तुलना में कोहरे के कारण दृश्यता और धूप की कमी अधिक होती है।

15 जनवरी को अधिकतम तापमान 13.03 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह सामान्य तापमान से 7.3 डिग्री कम है। यह 1951 के बाद से इस दिन के अधिकतम तापमान की तुलना में सबसे कम है। अधिकतम तापमान में यह बदलाव अभूतपूर्व है। हालांकि पिछले साल 18 अक्तूबर को 7.5 डिग्री का अंतर दर्ज किया गया था।

पश्चिमी विक्षोभ के चलते राजधानी दिल्ली को कड़ाके की सर्दी से दो दिनों की राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिनों तक न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री तक की बढ़ोतरी होगी।

दिल्ली के लोग बीते सात दिनों से भीषण ठंड का सामना कर रहे हैं। ठंड इसलिए अधिक है, क्योंकि अधिकतम तापमान में गिरावट आई है। इसके चलते लोगों को गलन परेशान कर रही है। लगभग 10 दिन पहले पश्चिमी विक्षोभ के चलते हुई बारिश के बाद पूरे उत्तर भारत के वातावरण में नमी की मात्रा ज्यादा हो गई थी। 

इसके चलते उत्तर पश्चिम भारत में कोहरे और निचली सतह (लो क्लाउड) के बादलों की एक परत बनी हुई थी। इस परत के चलते सूरज की रोशनी सतह तक नहीं पहुंच रही थी और दिन का तापमान लगातार नीचे बना हुआ था। लेकिन बुधवार को इस स्थिति में थोड़ा सुधार दर्ज किया गया।

दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में बुधवार के दिन हल्का कोहरा छाया रहा। लेकिन दिन निकलने के साथ कोहरा साफ हो गया। दोपहर 12 बजे के बाद दिल्ली के कई हिस्सों में हल्की धूप निकल आई। इससे दिन के अधिकतम तापमान में भी इजाफा हुआ। सफदरजंग मौसम केंद्र बुधवार के दिन अधिकतम तापमान 18.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री कम है। वहीं न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

राजधानी दिल्ली के लोगों को दो दिन और प्रदूषण से भरी जहरीली हवा में सांस लेना पड़ेगा। इसके बाद तेज हवा और हल्की बूंदाबांदी से प्रदूषण में गिरावट की उम्मीद है। इस बीच, बुधवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 अंक से ऊपर यानी बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया गया।

दिल्ली के लोग लंबे अरसे से प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। नवंबर और दिसंबर के महीने में बारिश कम होने के चलते लोगों को सामान्य से ज्यादा प्रदूषण का सामना करना पड़ा। जनवरी के पहले सप्ताह में बारिश हुई तो प्रदूषण से थोड़ी राहत मिली। लेकिन दो दिन की राहत के बाद ही प्रदूषण के स्तर में फिर बढ़ोतरी होने लगी। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक बुधवार के दिन दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 322 अंक पर रहा। इसे बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है। एक दिन पहले यानि मंगलवार को सूचकांक 352 अंक पर था। चौबीस घंटों के भीतर ही इसमें 30 अंकों का सुधार हुआ है। लेकिन अब भी दिल्ली के ज्यादातर इलाकों की वायु गुणवत्ता 300 अंक से ऊपर यानी बेहद खराब श्रेणी में है। 

सीपीसीबी के मुताबिक बुधवार शाम पांच बजे दिल्ली की हवा में प्रदूषक कण पीएम-10 का स्तर 270 और पीएम 2.5 का स्तर 154 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा। मानकों के मुताबिक हवा में पीएम-10 का स्तर 100 से नीचे और पीएम-2.5 का स्तर 60 से नीचे होना चाहिए। इसके अनुसार दिल्ली की हवा में मानकों से ढाई गुने से भी ज्यादा प्रदूषण है।

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