दिल्ली हिंसा : स्थानीय स्तर पर साजिश का पता लगाने को कोर्ट ने स्कूल मालिक को पुलिस हिरासत में भेजा
दिल्ली की अदालत ने सोमवार को एक निजी स्कूल के मालिक को एक दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया ताकि इस साल फरवरी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में...

दिल्ली की अदालत ने सोमवार को एक निजी स्कूल के मालिक को एक दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया ताकि इस साल फरवरी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगे की स्थानीय स्तर पर हुई साजिश के बारे में पूछताछ की जा सके।
आदेश पारित करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने 24 जून को मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को रद्द कर दिया जिसमें शिव विहार स्थित राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारुख की हिरासत पुलिस को देने के आवेदन को खारिज कर दिया गया था।
माना जा रहा है कि विभिन्न मुद्दों पर जांच के साथ पुलिस यह भी पता लगाएगी कि फारुख की स्कूल इमारत पर कैसे बड़ी गुलेल लगाई गई जिसका इस्तेमाल दंगाइयों ने किया था।
सत्र अदालत ने फारुख की हिरासत पुलिस को इस शर्त पर दी कि उसे दिल्ली से बाहर नहीं ले जाया जाएगा। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि जिस तरह से 24 फरवरी को दंगे भड़के और खासतौर पर राजधानी स्कूल और उसके आसपास, उससे स्पष्ट है कि स्थानीय स्तर पर कोई साजिश रची गई स्थानीय व्यक्ति ने स्थानीय प्रदर्शनकारियों को एकत्र किया। यह प्रश्न हमारे सामने है कि कैसे इतनी बड़ी गुलेल इमारत के ऊपर लगाई गई जो प्रतिवादी (फारुक) की है।
अदालत ने रेखांकित किया कि स्थानीय पुलिस जो दूसरे मामले की जांच कर रही है उसे स्थानीय स्तर पर साजिश का खुलासा करने के लिए फारुख की एक दिन की भी हिरासत नहीं दी गई।
सत्र न्यायाधीश ने कहा कि मैं आरोपी के अधिकारों के प्रति सजग हूं। इसके साथ ही उतना ही वृहद जनहित में जांच करने के लिए अन्वेषण एजेंसी के हक के प्रति भी सजग हूं। अब स्थानीय पुलिस के पास प्रतिवाद की हिरासत लेने के लिए एक दिन का समय है, इसलिए मैं पुराने आदेश को निरस्त कर प्रतिवादी की एक दिन की हिरासत जांच अधिकारी / थाना प्रभारी दलायलपुर को इस शर्त पर देता हूं कि वह प्रतिवादी को दिल्ली के बाहर नहीं ले जाएंगे।
न्यायाधीश ने कहा कि केवल स्थानीय साजिश की जांच कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के मद्देनजर सभी एहतियाती उपाय के बाद की जानी चाहिए। सत्र अदालत ने कहा कि यह सामान्य ज्ञान है कि दयालपुर पुलिस थाने के अंर्गत दंगे तेजी से फैले। अदालत ने कहा कि जांच के दायरे में राजधानी पब्लिक स्कूल की छत पर लगी गुलेल भी है। रिकॉर्ड में स्पष्ट सबूत है कि बड़ी संख्या में दंगाई राजधानी पब्लिक स्कूल में दाखिल हुए और नजदीक के डीआरपी पब्लिक स्कूल को भारी नुकसान पहुंचाया। राजधानी पब्लिक स्कूल के आसपास की इमारतों को भी नुकसान पहुंचाया गया और कई हताहत हुए।
उल्लेखनीय है कि डीआरपी कॉन्वेंट स्कूल के आसपास की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार 18 लोगों में फारुक शामिल है। उसे अदालत ने 20 जून को जमानत दे दी थी, लेकिन दो दिन बाद ही उसे इलाके में हुए अन्य दंगे के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ऋचा परिहार ने दूसरे मामले में पुलिस हिरासत देने से इनकार करते हुए कहा कि हिरासत के लिए आवेदन करने में चार महीने की देरी हुई है जबकि जांच के पहले दिन से ही जांच अधिकारी के पास सभी तथ्य थे।




