दिल्ली हिंसा मामला : ताहिर हुसैन को लगा बड़ा झटका, जमानत याचिका खारिज
दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा से जुड़े एक मामले में आरोपी आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। ताहिर हुसैन...
दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा से जुड़े एक मामले में आरोपी आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
ताहिर हुसैन को दिल्ली के चांद बाग हिंसा मामले में गिरफ्तार किया गया था। ताहिर हुसैन पर आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या करने का भी आरोप है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ताहिर हुसैन को गिरफ्तार किया था। ताहिर पर अनलॉफुल एक्टिविटिज प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) के तहत केस दर्ज किया गया है।
A Delhi Court rejects the bail plea of Tahir Hussain, who is an accused in a case related to violence in North-East Delhi in February 2020. (File pic) pic.twitter.com/c74H9mr0FT
— ANI (@ANI) May 2, 2020
छत पर मिले थे गुलेल : ताहिर हुसैन पर हिंसा भड़काने और हत्या का आरोप है। घर की छत पर पत्थर, गुलेल और पेट्रोल बम मिले थे।एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें उपद्रवी छत से पत्थर और पेट्रोल बम नीचे बरसा रहे थे।
ताहिर ने आरोपों से किया था इनकार
ताहिर ने इन आरोपों से इनकार किया था और गिरफ्तारी से पहले खुद को बेगुनाह बताया था। ताहिर ने खुद पर लगे आरोपों पर कहा था कि 24 फरवरी को मैं पुलिस के आला अफसरों की मौजूदगी में अपने परिवार के साथ वहां से निकल गया था। उसके बाद मेरा उस बिल्डिंग से कोई मतलब नहीं रहा। हिंसा 25 फरवरी की शाम को हुई थी।
दिल्ली दंगे में 53 लोगों की हुई थी मौत
गौरतलब है कि नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष के बाद 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे।
इस हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। साथ ही सरकारी और निजी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा था। उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया था और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया।
इस दौरान राजस्थान के सीकर के रहने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की 24 फरवरी को गोकलपुरी में हुई हिंसा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी और डीसीपी और एसीपी सहित कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल गए थे। साथ ही आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या करने के बाद उनकी लाश नाले में फेंक दी गई थी।