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दिल्ली : कोरोना के डर से ऐतिहासिक स्मारकों में नहीं लौटी पर्यटकों की रौनक

लॉकडाउन के बाद ऐतिहासिक स्मारकों को खुले हुए एक महीने से ज्यादा का समय गुजर चुका है, लेकिन स्मारकों के दीदार के लिए पर्यटकों के पहुंचने की संख्या न के बराबर है। कोरोना काल में सबसे अधिक पर्यटक कुतुब...

दिल्ली : कोरोना के डर से ऐतिहासिक स्मारकों में नहीं लौटी पर्यटकों की रौनक
ललित कौशिक , नई दिल्लीFri, 14 Aug 2020 07:33 AM
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लॉकडाउन के बाद ऐतिहासिक स्मारकों को खुले हुए एक महीने से ज्यादा का समय गुजर चुका है, लेकिन स्मारकों के दीदार के लिए पर्यटकों के पहुंचने की संख्या न के बराबर है। कोरोना काल में सबसे अधिक पर्यटक कुतुब मीनार देखने पहुंचे। 

स्मारक घूमने वालों में देसी-विदेशी पर्यटक शामिल हैं, लेकिन किसी स्मारक में पर्यटकों के रोजाना आने का आंकड़ा एक हजार तक नहीं पहुंचा। छह जुलाई से लेकर छह अगस्त तक के बीच में टिकट वाले सभी समारकों में देसी-विदेशी पर्यटकों की संख्या 17 हजार के करीब रही है। वहीं, कोरोना काल से पहले लालकिला, कुतुब मीनार सहित दूसरी स्मारकों में एक महीने के अंदर लाखों पर्यटक आते थे। 

कुतुब मीनार में पर्यटकों की संख्या अधिक रही
स्मारक खुलने के बाद से सबसे ज्यादा पर्यटक कुतुब मीनार को देखने के लिए पहुंचे है। इस दौरान 6700 से अधिक देसी पर्यटकों ने कुतुब मीनार का दीदार किया। उसके बाद हुमायूं के मकबरे में चार हजार से ज्यादा पर्यटक पहुंचे। सबसे कम पर्यटक और खान-ए-खाना मकबरा और सुल्तान गढ़ी मकबरा में पहुंचे है। यहां पर पर्यटको के आने की संख्या 50 से भी कम रही है। वहीं, लालकिला और पुराना किला में 1300 से अधिक, जंतर-मंतर, सफदरजंग मकबरा, तुगलकाबाद किला  हौजखास स्मारक परिसर में पर्यटकों की तादाद एक हजार के आसपास रही, जबकि फिरोजशाह कोटला को खुलने के कुछ दिन बाद निकट की कॉलोनी के कंटेनमेंट जोन बनने पर बंद कर दिया गया था। दिल्ली में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीन 174 स्मारक है। इसमें 11 स्मारकों में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। 

विदेशी पर्यटक हुमायूं का मकबरा में पहुंचे 
उधर, सभी स्मारकों में सबसे अधिक विदेशी पर्यटक हुमायूं का मकबरा देखने के लिए पहुंचे। पर्यटकों की संख्या 60 के करीब रही। जबकि खान-ए-खाना मकबरा और सुल्तान गढ़ी मकबरा में विदेशी पर्यटकों की न के बराबर रही। एएसआई के एक अधिकारी के बताया कि अभी स्मारकों में पहले जैसी रौनक नहीं लौटी है। कोरोना के डर से पर्यटक काफी कम पहुंच रहे है। ऑनलाइन टिकट बुक करने पर भी पर्यटकों को टिकट मिलता है। इसके लिए बुकिंग स्लॉट बनाया गया है। अभी तक एक बार भी बुकिंग स्लॉट नहीं भरा है। कोरोना को लेकर स्मारक में आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर सभी उचित कदम उठाए गए है।  

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