फिर बंद हुआ दिल्ली में लगा स्मॉग टावर, सैलरी न मिलने से स्टाफ की हड़ताल; केजरीवाल सरकार पर ये आरोप
दिल्ली के कनॉट प्लेस में लगे स्मॉग टावर को बंदकर कर्मचारियों ने ताला लगा दिया है। दिसंबर की सैलरी और नौकरी की गारंटी न मिलने के चलते कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने खुलवाया था।

दिल्ली में कोहरे के चलते वायु गुणवत्ता बुरी तरीके से प्रभावित है। इस बीच एक और चिंताजनक खबर सामने आई है। एयर क्वालिटी सुधारने के लिए कनॉट प्लेस पर लगे 23 करोड़ की लागत वाले स्मॉग टावर को कर्मचारियों ने बंद कर दिया है। सैलरी न मिलने के चलते कर्मचारियों ने विरोध के तौर पर स्मॉग टावर पर ताला लगा दिया है।
कनॉट प्लेस में स्मॉग टॉवर का उद्घाटन 2021 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया था। दिसंबर 2023 का वेतन न मिलने और दिल्ली सरकार की ओर से कोई लिखित 'नौकरी की गारंटी' नहीं मिलने के चलते कर्मचारी विरोध कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, स्मॉग टावर का काम VIBGYOR कंसल्टेंसी नाम की एक कंपनी कर रही थी। CP पर 13 लोगों की टीम तैनात थी। काम कर रहे एक स्टाफ महिपाल बिष्ट ने बताया कि टावर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) के तहत लगाया गया है और उनकी कंपनी विबग्योर कंसल्टिंग, इस टावर को चला रही थी। लेकिन अप्रैल 2023 में, टावर का संचालन बंद कर दिया गया था।
कर्मचारी ने बताया,''नवंबर (2023) में इस टावर को शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली सरकार को फटकार लगाने के बाद, हमें डीपीसीसी द्वारा बुलाया गया और 8 नवंबर को, टावर फिर से चालू हो गया, लेकिन बाद में हमें समय पर वेतन नहीं मिला और हमारा दिसंबर का वेतन अभी तक नहीं आया है और इसके अलावा हमें कन्फर्म नौकरी कि गारंटी भी नहीं मिली है।''
विरोध कर रहे कर्मचारी महिपाल ने कहा," न सैलरी मिल रही है न ही कोई गारंटी। आखिरकार, स्मॉग टावर बंद करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं था।" वहीं, स्मॉग टॉवर को चलाने वाले इलेक्ट्रीशियन विवेक उनियाल ने कहा, "प्लायर और स्क्रूड्राइवर जैसे बुनियादी उपकरण भी उपलब्ध नहीं हैं, और हमें कोई सुरक्षा गियर भी उपलब्ध नहीं कराया गया है।"
स्टाफ के कुछ और लोगों ने बताया कि स्मॉग टॉवर भी अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहा था। टावर में लगे 5000 फिल्टर में से ज्यादातर पुराने हो गए हैं और उन्हें बदलने की जरूरत है लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।