दिल्ली दंगे 2020 : ढाई साल से फरार वसीम अलीगढ़ से गिरफ्तार, हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की हत्या में था वॉन्टेड
हिंसा में 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। साथ ही सरकारी और निजी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा था। उग्र भीड़ ने सैकड़ों मकानों, दुकानों, वाहनों को फूंक दिया था।

दिल्ली पुलिस ने 2020 दिल्ली दंगों के मामले में मुख्य आरोपियों में एक मोहम्मद वसीम को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है। वसीम को अलीगढ़ की एक ताला बनाने वाले कारखाने से गिरफ्तार किया गया है। वह पिछले ढाई साल से फरार था।
स्पेशल कमिश्नर (क्राइम) रवींद्र यादव ने बताया कि वसीम हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की मौत से जुड़े एक मामले में वह भगोड़ा अपराधी था। फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है। इसके नए बयान के आधार पर कोर्ट में अनुपूरक चार्जशीट दायर करेंगे। दिल्ली पुलिस यह भी जांच कर रही है कि वह अन्य देशविरोधी कामों में तो शामिल नहीं था।
उन्होंने बताया कि चांद बाग निवासी आरोपी मोहम्मद वसीम उर्फ बबलू उर्फ सलमान को दिल्ली हाईकोर्ट ने 'घोषित अपराधी' घोषित किया था। दिल्ली दंगों से पहले वह दिल्ली के सदर बाजार इलाके में एक सूटकेस की दुकान में काम करता था।
गौरतलब है कि नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष के बाद 24 फरवरी 2020 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में साम्प्रदायिक दंगे भड़क गए थे।
इस हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। साथ ही सरकारी और निजी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा गया था। उग्र भीड़ ने सैकड़ों मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया था और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया था।
इस दौरान राजस्थान के सीकर के रहने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की 24 फरवरी को गोकलपुरी में हुई हिंसा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी और डीसीपी और एसीपी सहित कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल गए थे। साथ ही आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या करने के बाद उनकी लाश नाले में फेंक दी गई थी।