फिर दम घोंटने लगा पराली का धुआं: दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा बिगड़ी, दो दिन तक सुधार की संभावना नहीं
दिल्ली के प्रदूषण में तीन नवंबर को पराली के धुएं की हिस्सेदारी इस सीजन में सर्वाधिक (34 फीसदी) रही। चार नवंबर को भी पराली के धुएं की हिस्सेदारी 30 फीसदी रही।

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दिल्ली का दम फिर से पराली का धुआं घोंटने लगा है। हवा की दिशा में बदलाव के साथ ही शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी बढ़ी है। सफर के मुताबिक, शुक्रवार को इसकी हिस्सेदारी 19 फीसदी तक रही है। अन्य वर्षों के मुकाबले दीपावली पहले पड़ जाने के चलते दिल्ली-एनसीआर के लोगों को पराली और दीपावली पर होने वाली आतिशबाजी का धुआं एक साथ नहीं झेलना पड़ा।
इसके चलते दीपावाली के बाद का दिन पिछले आठ वर्षों में सबसे साफ-सुथरा रहा। लेकिन, दीपावाली के दो दिन बाद से वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार बेहद खराब श्रेणी में चला गया। इस दौरान हवा कि दिशा उत्तर पश्चिमी होने के चलते दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी भी लगातार बढ़ती रही।
दिल्ली के प्रदूषण में तीन नवंबर को पराली के धुएं की हिस्सेदारी इस सीजन में सर्वाधिक (34 फीसदी) रही। चार नवंबर को भी पराली के धुएं की हिस्सेदारी 30 फीसदी रही। लेकिन, इसके बाद से लगातार गिरावट दर्ज की गई। हवा की दिशा पूर्वी और दक्षिण पूर्वी होने के चलते दिल्ली की तरफ पराली का धुआं नहीं आ रहा था।
यहां तक की बुधवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी सिर्फ पांच फीसदी रह गई थी। लेकिन, इसके बाद से हवा की दिशा में बदलाव हुआ है। अब हवा उत्तर पश्चिमी दिशा से यानी पंजाब और हरियाणा की ओर से आ रही है। इसके चलते पराली के धुएं की हिस्सेदारी भी प्रदूषण में बढ़ी है। सफर के मुताबिक, गुरुवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी आठ फीसदी थी, लेकिन शुक्रवार को यह 19 फीसदी तक पहुंच गई।
बेहद खराब श्रेणी में हवा
लगातार सोलह दिन तक बेहद खराब और गंभीर श्रेणी की हवा में सांस लेने के बाद बुधवार को दिल्ली को थोड़ी राहत मिली थी। बुधवार और गुरुवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से नीचे रहा था। लेकिन, अब एक बार फिर से यह 300 से ऊपर यानी बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 346 के अंक पर रहा। एक दिन पहले यह सूचकांक 295 के अंक पर रहा था यानी चौबीस घंटे के भीतर ही इसमें 51 अंकों की बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों का सूचकांक 300 से ऊपर बना हुआ है।
दो दिन सुधार की संभावना नहीं
सफर का अनुमान है कि अगले दो दिनों तक बेहद खराब श्रेणी की हवा से राहत मिलने के आसार नहीं है। इस दौरान हवा की गति उत्तरी पश्चिमी रहने की संभावना है, जिसके चलते पराली का धुआं दिल्ली की ओर आता रहेगा और हवा में प्रदूषण का स्तर इसी के आसपास बना रहेगा।
बीते दिन दिनों का एक्यूआई
11 नवंबर 346
10 नवंबर 295
09 नवंबर 260
पराली की हिस्सेदारी
11 नवंबर 19 फीसदी
10 नवंबर 08 फीसदी
09 नवंबर 05 फीसदी
यहां की हवा सबसे खराब
नेहरू नगर 389
जहांगीरपुरी 384
बवाना 375
एनएसआईटी द्वारका 372
नरेला 366
