साइबर ठगों ने बदला तरीका, अब कूरियर शुल्क के नाम पर ठगी, निशाने पर महिलाएं
Cyber Crime in Delhi: साइबर अपराधियों ने ठगी का तरीका बदल लिया है। अब वे कूरियर शुल्क के नाम पर आम लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। दिल्ली की साइबर क्राइम पुलिस टीम ने ऐसा खुलासा किया है।

बाहरी उत्तरी जिले की साइबर क्राइम पुलिस टीम ने गुजरात व बिहार के नवादा में छापेमारी कर दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी ठगों ने दिल्ली की एक युवती से पासपोर्ट डिलीवरी के कूरियर शुल्क के रूप में एक लाख रुपए ठग लिए थे। जांच में सामने आया है कि आरोपी ने 1,000 से अधिक पीड़ितों के साथ लाखों रुपये की ठगी कर चुके हैं। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल 03 एंड्रॉइड मोबाइल फोन, 01 लैपटॉप बरामद कर लिया और धोखाधड़ी में इस्तेमाल दो बैंक खातों को फ्रीज कर दिया।
डिलीवरी रद्द
पुलिस अधिकारी के अनुसार, पीड़िता ने अपने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में अपने पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए आवेदन किया हुआ था। पीड़िता ने पासपोर्ट की डिलीवरी की ट्रैकिंग आईडी की जांच के लिए एक वेबलिंक पर अपना विवरण व फोन नंबर दर्ज किया। इसके बाद उन्हें एक काल आई कि उन्हें इंडिया पोस्ट स्पीड पोस्ट के माध्यम से पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए पांच रुपए का भुगतान करना होगा क्योंकि उनकी डिलीवरी रद्द कर दी गई है।
खाते से 99,999 रुपए निकले
भुगतान के लिए ठगों ने उन्हें एक लिंक भेजा। लिंक पर क्लिक करते ही उनके खाते से 99,999 रुपए निकल गए। इसके बाद जांच के दौरान साइबर थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर रमन सिंह की टीम ने छापेमारी करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
वारदात में इस्तेमाल किया गया फर्जी बेबलिंक
जांच में पता चला कि वारदात में इस्तेमाल वेबलिंक (https://realtimecouriertracking.online/payment) गुजरात और बिहार से काम करने वाले वेब डिजाइनरों द्वारा ठगी के लिए ही डिजाइन किया गया था। साइबर ठग वारदात में वेब डिजाइनर और डेवलपर की मदद ले रहे थे। आरोपियों ने इसके इस्तेमाल से पूरे भारत में कई लोगों को निशाना बनाया गया है। पुलिस ऐसे लोगों की पहचान कर ली है।
सावधानी बरतें
इंडिया पोस्ट पैकेज डिलीवरी के लिए एसएमएस लिंक के माध्यम से भुगतान का अनुरोध नहीं करता है। ऐसे किसी संदिग्ध लिंक पर कभी भी क्लिक न करें। ऐसे संदिग्ध लिंक पर क्लिक करते ही एप्लिकेशन इंस्टॉल कर देते हैं जो मोबाइल फोन का रिमोट एक्सेस ले लेते हैं।
