सुरक्षा और क्राइम कंट्रोल के लिए रोज 5000 हजार कदम चलेगी दिल्ली पुलिस, ऐप से होगी निगरानी
अपराध रोकने के लिए दिल्ली के शाहदरा जिले में सभी पुलिसकर्मी अपने-अपने क्षेत्रों में रोजाना 5000 हजार कदम पैदल गश्त करेंगे। इससे इलाके में पुलिस की मौजूदगी बढ़ेगी और जवानों की फिटनेस में भी सुधार आएगा।

अपराध रोकने के लिए शाहदरा जिले में सभी पुलिसकर्मी अपने-अपने क्षेत्रों में रोजाना पांच हजार कदम पैदल गश्त करेंगे। इससे इलाके में पुलिस की मौजूदगी बढ़ेगी और जवानों की फिटनेस में भी सुधार आएगा। इसके लिए शाहदरा पुलिस ने एक ऐप बनाया है, जिसके जरिये सभी पुलिस कर्मियों की निगरानी की जा रही है। जल्द ही पूर्वी जिले में भी यह व्यवस्था लागू करने की तैयारी है।
शाहदरा जिले के डीसीपी सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि आमतौर पर पुलिसकर्मी गाड़ी या बाइक से गश्त करते हैं। इससे लोगों के बीच उनकी मौजूदगी कम रहती है, जबकि अपराध पर नियंत्रण के लिए पुलिसकर्मी की इलाके में ज्यादा उपस्थिति अनिवार्य है। पैदल गश्त का सबसे बड़ा फायदा यह है कि पुलिस की पूरे क्षेत्र पर नजर रहती है और स्थानीय लोगों से उन्हें जानकारियां भी मिलती रहती हैं। साथ में लोगों से अच्छा समन्वय भी बना रहता है।
इसे ध्यान में रखते हुए डीसीपी ने एक विशेष ऐप बनवाया है और इसे सभी पुलिसकर्मियों के मोबाइल में डाउनलोड कराया गया है। प्रत्येक थाने की जियो फेंसिंग इस ऐप में डाली गई है, जिसके चलते पुलिसकर्मी की पैदल गश्त केवल उसके थाना क्षेत्र में ही गिनी जाएगी। इसी तरह एसीपी की गश्त के लिए उनके सब डिवीजन की जिओ फेंसिंग की गई है। इसका रिकॉर्ड सर्वर पर अपलोड होता रहेगा और डीसीपी किसी भी समय अपने मोबाइल या कंप्यूटर में इसे देख सकते हैं। गश्त के दौरान पुलिसकर्मियों को इस ऐप पर फोटो भी अपलोड करना होगा, जिससे उनकी मौजूदगी का पता चलता रहेगा। प्रत्येक सप्ताह की रिपोर्ट भी डीसीपी के मोबाइल पर आएगी।
इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे फर्श बाजार एसएचओ अमूल त्यागी ने बताया कि रोजाना गश्त से लोगों के बीच उनकी पहुंच बढ़ी है। साथ ही वजन कम करने में मदद मिली है।
ज्यादा गश्त पर सम्मान
डीसीपी ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा पैदल गश्त करने वाले जवान को सम्मानित किया जाएगा। यदि कोई कम गश्त करेगा तो उन्हें बुलाकर इसके लिए प्रेरित किया जाएगा। एक साथ कई पुलिसकर्मी पैदल गश्त करेंगे, जिसके चलते किसी पुलिसकर्मी द्वारा इसमें गड़बड़ी किए जाने की संभावना बेहद कम है। बाइक और गाड़ी से गश्त भी पहले की तरह जारी रहेगी।
ये फायदे होंगे
● पुलिसकर्मियों की फिटनेस बढ़ेगी
● लोगों के बीच पुलिस की मौजूदगी बढ़ने से अपराध घटेगा
● पुलिस को इलाके की ज्यादा सूचना मिलेगी
● गश्त के लिए आबादी के साथ सुनसान क्षेत्र नहीं छूटेंगे
● पुलिसकर्मियों की लोकेशन मिलती रहेगी