आखिर क्यों दिल्ली के पुलिसवालों ने किरण बेदी को किया याद, जानें वो मामला?
दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच तीस हजारी कोर्ट में हुए विवाद को लेकर मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे पुलिस के जवानों ने मंगलवार दोपहर कमिश्नर अमूल्य पटनायक के सामने ही पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण...
दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच तीस हजारी कोर्ट में हुए विवाद को लेकर मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे पुलिस के जवानों ने मंगलवार दोपहर कमिश्नर अमूल्य पटनायक के सामने ही पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी के समर्थन में नारे लगाए। प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों ने हाथों में पोस्टर-बैनर लेकर नारे लगाए कि -‘हमारा सीपी कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो’। पुलिस कर्मियों का यह आक्रोश इस बात को लेकर है कि इस मामले पर वरिष्ठ अधिकारी खुद दखल दें और पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाले वकीलों के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दें।
प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों के रोष का आलम यह था कि जब डीसीपी स्तर के अधिकारी उनसे बात करने पहुंचे तो उन्होंने कमिश्नर अमूल्य पटनायक के बाहर आने की मांग की और उन्हीं के सामने अपनी बात कहने को कहा। इसके बाद दोपहर कमिश्नर अमूल्य पटनायक बाहर आए और उन्होंने जवानों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए वापस ड्यूटी पर लौटने की बात कही तो जवानों ने इस दौरान यह नारेबाजी शुरू कर दी कि हमारा कमिश्नर कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो।
Delhi Police personnel hold placard with a picture of former Delhi Special CP, Kiran Bedi that reads "We need you", outside the Police Head Quarters (PHQ) in ITO. They are protesting against the clash that broke out between police & lawyers at Tis Hazari Court on 2nd November. https://t.co/503H4UeQCF pic.twitter.com/EpNKvvrXsM
— ANI (@ANI) November 5, 2019
पहली महिला आईपीएस हैं किरण बेदी
किरण बेदी वर्तमान में पुडुचेरी की उपराज्यपाल हैं, जो पहली महिला आईपीएस अधिकारी थीं। उन्होंने 35 साल पुलिस में काम किया। उनकी छवि एक सख्त पुलिस अफसर के रूप में रही है। वह जवानों के लिए हमेशा खड़ी रहने वाली पुलिस अधिकारी रही हैं। यही कारण है कि आज दिल्ली पुलिस के जवानों ने किरण बेदी के समर्थन में नारेबाजी की। दरअसल किरण बेदी जितनी सख्ती से काम लेती थीं, उतनी ही अपने कर्मियों के लिए पूरी तरह से तत्पर भी रहती थीं। वह किसी विपरीत स्थिति में अपने जूनियर अधिकारियों का खुलकर बचाव भी करती थीं।