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दिल्ली पुलिस ने गांधी पीस फाउंडेशन में कश्मीर मुद्दे पर नहीं दी सभा करने की अनुमति, बताई वजह

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने गांधी पीस फाउंडेशन (Gandhi Peace Foundation) में कश्मीर मुद्दे पर एक सभा के आयोजन की इजाजत नहीं दी है। दिल्ली पुलिस ने इसकी वजह भी बताया है। जानें पुलिस ने क्या कहा...

दिल्ली पुलिस ने गांधी पीस फाउंडेशन में कश्मीर मुद्दे पर नहीं दी सभा करने की अनुमति, बताई वजह
Krishna Singhपीटीआई,नई दिल्लीWed, 15 Mar 2023 06:54 PM
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दिल्ली पुलिस ने कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका का हवाला देते हुए बुधवार को गांधी पीस फाउंडेशन में कश्मीर मसले पर एक बैठक के आयोजन की अनुमति देने से इनकार कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम स्थल पर दोपहर 2 बजे यह बैठक निर्धारित की गई थी। कार्यक्रम के वक्ताओं में दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर नंदिता नारायण, जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हुसैन मसूद, सीपीआई (एम) के नेता एमवाई तारिगामी, फिल्म निर्माता संजय काक और वरिष्ठ पत्रकार अनिल चमड़िया शामिल थे।

आईपी एस्टेट पुलिस स्टेशन (IP Estate police station) के एसएचओ ने गांधी पीस फाउंडेशन को भेजे पत्र में कहा- हमें स्थानीय इनपुट मिला है कि कुछ गुमनाम समूह दोपहर को 'मीडिया ब्लैकआउट इन कश्मीर' के विषय पर सार्वजनिक बैठक की योजना बनाई है। उपरोक्त सार्वजनिक बैठक के आयोजन से कानून-व्यवस्था की स्थिति के खराब होने की खुफिया सूचना मिली है। ऐसे में आपसे गुजारिश है कि इस कार्यक्रम की बुकिंग रद्द करें। साथ ही आदेश पर अमल संबंधी सूचना जल्द पुलिस को भेजें। 

कार्यक्रम की वक्ता नंदिता नारायण ने कहा कि सभा का आयोजन छात्र और शिक्षक समूहों ने किया था। वक्ताओं को इस सभा के रद्द किए जाने के बारे में तब सूचित किया गया जब वे कार्यक्रम के लिए निकलने वाले थे। यह कोई विरोध प्रदर्शन नहीं था, वरन एक सार्वजनिक सभा थी। इसका आयोजन एक हॉल में किया जा रहा था। पुलिस का इससे कोई लेना-देना नहीं था। कश्मीर में मीडिया ब्लैकआउट पर चर्चा होनी थी लेकिन सभा को रद्द किया जाना दिखाता है कि ऐसा हर जगह किया जा रहा है। 

नंदिता नारायण ने आरोप लगाया कि पुलिस ने 11 और 12 मार्च को एचकेएस सुरजीत भवन में भारत बचाओ कार्यक्रम के साथ ऐसा ही किया था लेकिन आयोजक अदालती आदेश हासिल करने में कामयाब रहे। अंतिम समय पर कार्यक्रम को रद्द करना दिल्ली समेत पूरे भारत में अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने के आरोपों को मजबूत करता है। मालूम हो कि पिछले हफ्ते, दिल्ली हाईकोर्ट ने 'भारत बचाओ' नाम के सामूहिक के सदस्यों को सेमिनार के आयोजन की अनुमति दी थी।

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