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24 साल तक खेली आंख-मिचौली, बिहार से पकड़ा गया मर्डर आरोपी; दिल्ली पुलिस ने यूं पकड़ा

दिल्ली पुलिस ने मर्डर के एक आरोपी को 24 साल बाद बिहार के नालंदा से गिरफ्तार किया है। 44 साल के शख्स पर हत्या का आरोप है। वारदात में उसका साथ देने वाले पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं।

24 साल तक खेली आंख-मिचौली, बिहार से पकड़ा गया मर्डर आरोपी; दिल्ली पुलिस ने यूं पकड़ा
Sneha Baluni हिन्दुस्तान टाइम्स, नई दिल्लीSun, 4 Aug 2024 07:33 AM
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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 24 साल से ज्यादा समय से कानून के हाथों से बच रहे एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। 44 साल के शख्स पर हत्या का आरोप है। उसे बिहार के नालंदा स्थित उसके पैतृक गांव से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इसकी जानकारी शनिवार को दी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपी की पहचान सकेंदर यादव के तौर पर हुई है, जिसने पुलिस के हत्थे चढ़ने से बचने के लिए कई शहर और नौकरियां बदलीं। उसे फरवरी 2000 में उत्तम नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज हत्या के मामले में घोषित अपराधी (पीओ) घोषित किया गया था।

डिप्टी पुलिस कमिश्नर (क्राइम) सतीश कुमार ने बताया कि हाल ही में क्राइम ब्रांच की कई टीमों को पुराने और बंद पड़े मामलों, खासतौर पर हत्या, डकैती और लूटपाट से जुड़े मामलों की जांच करने और गिरफ्तारी से बचने वालों को पकड़ने का काम सौंपा गया था। ऐसी ही एक टीम में शामिल क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'टीमें डिटेल्स जुटाती हैं और नए सिरे से मामले की जांच शुरू करती हैं। जिसके आधार पर संदिग्धों के ठिकानों पर छापे मारे जाते हैं और उन्हें पकड़ा जाता है।'

मौजूदा मामले की जानकारी देते हुए डीसीपी कुमार ने बताया कि 4 फरवरी 2000 को नालंदा के देवकाली गांव के मूल निवासी चांदो यादव ने अपने भाई राम स्वरूप उर्फ ​​मोदी यादव (32) के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि स्वरूप पश्चिमी दिल्ली के मटियाला में एक पॉलीथिन फैक्ट्री में काम करता था और उसे आखिरी बार नालंदा के मूल निवासी मंटू यादव, सकेंदर और विजय यादव के साथ वहां काम करते देखा गया था। फैक्ट्री पप्पू यादव नाम के व्यक्ति की थी।

डीसीपी कुमार ने बताया, 'जांच के दौरान पता चला कि मजदूर बिहार घर लौट गए थे, लेकिन स्वरूप नहीं लौटा। टीम ने फैक्ट्री मालिक से पूछताछ की, जिसने दावा किया कि स्वरूप कहीं और काम करने के लिए फैक्ट्री छोड़कर चला गया था। कुछ दिनों बाद, स्वरूप का क्षत-विक्षत शव पप्पू की फैक्ट्री में प्लास्टिक की थैलियों के ढेर से ढका हुआ मिला। उत्तम नगर थाने में हत्या का केस दर्ज किया गया।' टीम ने मंटू यादव को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन बाकी संदिग्धों- पप्पू, विजय यादव और सकेंदर का पता नहीं चल सका तो अदालत ने उन्हें पीओ घोषित कर दिया।

डीसीपी कुमार ने बताया, 'उत्तरी रेंज 1 की टीम को हाल ही में सूचना मिली थी कि पटना में रहने वाला सकेंद्र किसी काम से देवकाली आएगा। एक टीम उसके गांव भेजी गई और उसे पकड़ लिया गया। सकेंदर ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ स्वरूप की हत्या में शामिल था। उन्होंने पप्पू के साथ हुए विवाद के बाद स्वरूप की हत्या कर दी। शव को फैक्ट्री के अंदर एक कमरे में प्लास्टिक की लेयर्स के नीचे छिपा दिया और बाहर से ताला लगा दिया। सकेंदर शुरुआत के दो-तीन साल सूरत में रहा, जहां उसने एक कपड़ा मिल में काम किया। फिर वह पटना चला गया जहां उसने एक मजदूर के रूप में काम किया और बाद में उसे पटना में एक ग्रोसरी होम डिलीवरी कंपनी में नौकरी मिल गई।'

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