कोचिंग बेसमेंट हादसे के बाद रोहिणी में 2 के डूबने पर पुलिस का ऐक्शन, केस दर्ज, क्या आरोप?
रोहिणी के प्रेम नगर इलाके में सरकारी जमीन पर जमा बारिश के पानी में शुक्रवार को नहाने गए दो किशोर की डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने इस बारे में केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। पढ़ें यह रिपोर्ट...
राव कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में डूबने से तीन छात्रों की मौत के बाद ताजा रोहिणी के प्रेम नगर इलाके में सरकारी जमीन पर जमा बारिश के पानी में शुक्रवार को नहाने गए दो किशोर की डूबने से मौत हो गई। प्रेम नगर पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शनिवार को शव परिजनों को सौंप दिया। घटना से आक्रोशित लोगों ने प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। पुलिस ने अब इस मामले में अज्ञात के खिलाफ लापरवाही के आरोप केस दर्ज कर लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि परिवार के सदस्यों की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
पुलिस ने मौके पर जाकर प्रत्यक्षदर्शी दो किशोरों के बयान दर्ज किए। साथ ही शनिवार को संजय गांधी अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को शव सौंप दिए गए। परिजन और स्थानीय लोगों ने इस घटना के पीछे सरकारी एजेंसियों की लापरवाही को कारण बताया है। उन्होंने दोनों शव को सड़क पर रखकर शनिवार को प्रदर्शन किया। अधिकारियों के समझाने पर वे शांत हुए और दोनों शव का अंतिम संस्कार किया गया। लोगों ने बताया कि रानी खेड़ा मिलेनियम बस डिपो के सामने 147 एकड़ सरकारी जमीन है।
मुंडका ग्राउंड नाम के इस भूखंड की चारदीवारी जगह-जगह से टूटी हुई है। इसके अलावा भूखंड का बड़ा हिस्सा उबड़-खाबड़ है, जिसकी वजह से बारिश के समय यहां जलभराव होता है। नाली के पानी की निकासी ठीक नहीं होने की वजह से आसपास के घरों का पानी भी इसी मैदान में जमा होता है। वहीं डीडीए का कहना है कि कहा कि यह घटना दुखद और दर्दनाक है। हम अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। जिस जमीन पर यह घटना घटी वह डीएसआईआईडीसी (दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम) के कब्जे में है। डीएसआईआईडीसी को यह जमीन साल 2007 में सौंपी गई थी।
इलाके के लोगों का कहना है कि जलभराव के बारे में अधिकारियों को कई बार शिकायतें दी गई हैं, लेकिन कभी कुछ नहीं किया गया। पिछले साल भी इसी तरह की घटना हुई थी, जिसमें एक बच्चे की डूबने से मौत हो गई थी। यह डीडीए की जमीन थी, जो कई साल पहले दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) को दे दी गई थी। मयंक के पिता रंजीत कुमार ने कहा कि उनका बेटा अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने गया था। अधिकारियों की लापरवाही के कारण उनके बेटे की जान चली गई। दिव्यांश के पिता ने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण उन्होंने अपने बेटे को खो दिया है।
(पीटीआई और हिन्दुस्तान के फीड पर आधारित रिपोर्ट)
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