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दिल्ली में AQI 300 पार, पलूशन बढ़ने पर ऐक्शन मोड में आई सरकार; बुलाई एक अहम बैठक

Delhi pollution: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय केंद्र सरकार की प्रदूषण नियंत्रण योजना के तहत उपायों के कार्यान्वयन को लेकर सोमवार को संबंधित विभागों के साथ होने वाली एक बैठक की अध्यक्षता करेंगे।

दिल्ली में AQI 300 पार, पलूशन बढ़ने पर ऐक्शन मोड में आई सरकार; बुलाई एक अहम बैठक
Devesh Mishraभाषा,नई दिल्लीSun, 22 Oct 2023 10:58 PM
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Delhi pollution, AQI Delhi- NCR: दिल्लीवाले बढ़ते पलूशन से परेशान हैं। रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'बहुत खराब' स्तर पर पहुंच गई। शनिवार को एक्यूआई 248 था जो रविवार को 313 तक पहुंच गया। लगातार खराब होती हवा से लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन हो रही है। दिल्ली- एनसीआर में GRAP का पहला और दूसरा चरण लागू कर दिया गया है। इसी तरह पलूशन की मार बढ़ती रही तो तीसरा और चौथा चरण भी लागू करना पड़ सकता है। दिल्ली सरकार ने अब इसे लेकर एक बड़ा ऐक्शन लिया है। सोमवार को सरकार पलूशन को कंट्रोल करने के लिए एक महत्वपूर्ण मीटिंग करने जा रही है।

सोमवार को होगी बैठक
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय केंद्र सरकार की प्रदूषण नियंत्रण योजना के तहत उपायों के कार्यान्वयन को लेकर सोमवार को संबंधित विभागों के साथ होने वाली एक बैठक की अध्यक्षता करेंगे। प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के कारण इस सीजन में पहली बार रविवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' स्तर पर पहुंच गई।

पलूशन कंट्रोल करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस ऐक्शन प्लान (GRAP) को सक्रिय रूप से लागू करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने शनिवार को दिल्ली- एनसीआर के प्राधिकारियों को प्राइवेट वाहनों को हतोत्साहित करने के लिए पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी और सीएनजी/इलेक्ट्रिक बसों, मेट्रो सेवाओं को बढ़ावा देने का निर्देश दिया था।

दिल्ली- एनसीआर में वायु गुणवत्ता के आधार पर GRAP को चार चरणों में वर्गीकृत किया गया है। पहला चरण वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 201-300 यानी 'खराब' होने पर लागू किया जाता है। दूसरा चरण एक्यूआई 301-400 (बहुत खराब) होने पर, तीसरा चरण एक्यूआई 401-450 (गंभीर) होने पर और चौथा चरण एक्यूआई 450 से अधिक (गंभीर से भी ज्यादा) होने पर लागू किया जाता है।

पहले चरण की पाबंदियां
पहले चरण में 500 वर्ग मीटर के बराबर या उससे अधिक के उन भूखंड पर निर्माण और तोड़फोड़ परियोजनाओं पर काम रोकने का आदेश दिया जाता है जो धूल रोकने के उपायों की निगरानी से संबंधित राज्य सरकार के पोर्टल पर पंजीकृत नहीं होते हैं।

इसके अलावा पहले चरण में दिल्ली के 300 किलोमीटर के अंदर प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों और ताप ऊर्जा संयंत्रों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाती है और होटल, रेस्तरां व खुले भोजनालयों के तंदूर में कोयले और जलावन लकड़ी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया जाता है।

दूसरे चरण की पाबंदियां
दूसरे चरण के तहत उठाए जाने वाले कदमों में व्यक्तिगत वाहनों के इस्तेमाल को कम करने के उद्देश्य से पार्किंग शुल्क बढ़ाना और सीएनजी/इलेक्ट्रिक बस और मेट्रो सेवाओं को बढ़ावा देना शामिल है।

तीसरे चरण की पाबंदियां
तीसरे चरण के तहत, दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में पेट्रोल से चलने वाले बीएस-3 इंजन वाले और डीजल से चलने वाले बीएस-4 चार पहिया वाहनों के इस्तेमाल पर रोक लगाने का प्रावधान है।

चौथे चरण की पाबंदियां
चौथे चरण में सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर प्रतिबंध लगाना शामिल है। राज्य सरकारें ऐसी स्थितियों के दौरान स्कूली छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं और सरकारी व निजी कार्यालयों के लिए घर से काम करने के बारे में निर्णय लेने के लिए भी अधिकृत है।

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