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जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट चोरी के मामले में दिल्ली सबसे आगे 

देश में जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक 35.50 हजार करोड़ रुपए के जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट चोरी के मामलों का पता चला है। जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट चोरी के मामले में दिल्ली सबसे आगे रहा है। जीएसटी...

जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट चोरी के मामले में दिल्ली सबसे आगे 
नई दिल्ली, सौरभ शुक्लTue, 16 Feb 2021 06:13 AM
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देश में जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक 35.50 हजार करोड़ रुपए के जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट चोरी के मामलों का पता चला है। जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट चोरी के मामले में दिल्ली सबसे आगे रहा है। जीएसटी चोरी से जुड़े करीब चार हजार मामलों में सरकार ने 400 से ज्यादा गिरफ्तारियां भी की हैं। आने वाले दिनों में सरकार डाटा एनालिटिक्स के जरिए युद्धस्तर पर इन घटनाओं से निपटने की तैयारी की तैयारी कर रही है। 

सरकार की तरफ से संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक जुलाई 2017 से दिसंबर 2020 के दौरान फर्जी इनवॉइस जारी कर बड़े पैमाने पर टैक्स की चोरी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान कुल 3852 फर्जी जीएसटी इनवॉइस जारी किए गए। इसमें 35,620 करोड़ रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट चोरी का पता चला है। वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के मुताबिक इस काम में 300 कंपनियां संलग्न रहीं और इस गोरखधंधे में 404 लोगों की गिरफ्तारियां भी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक रकम के हिसाब से जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट चोरी के मामले में दिल्ली सबसे आगे रहा है। 

दिल्ली में 187 फर्जी इनवॉइस जारी किए गए 
दिल्ली में 187 फर्जी इनवॉइस जारी किए गए, जिसमें सबसे ज्यादा 7922 करोड़ रुपए की इनपुट टैक्स क्रेडिट की चोरी पता चली। यही नहीं दिल्ली में पूरे देश के मुकाबले सबसे ज्यादा 73 गिरफ्तारियां हुई हैं। ‘हिंदुस्तान’ को मिली जानकारी के मुताबिक इन गिरफ्तारियों में कई चाटर्ड अकाउंटेंट भी शामिल रहे हैं। फर्जी तरीके से पकड़े गए इनपुट टैक्स क्रेडिट के मामले में दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है, जहां 7147  करोड़ रुपए की चोरी के मामले पकड़े गए और 668 फर्जी इनवॉइस के मामले सामने आए हैं। वहीं तेलंगाना में 5553 करोड़ रुपए और हरियाणा में 4489 करोड़ रुपए की रकम के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। 

यूपी और बिहार जैसे राज्यों में हालात बेहतर हैं। उत्तर प्रदेश में 1860 करोड़ रुपए की रकम से जुड़े 160 फर्जी इनवॉइस जारी हुए हैं और 19 गिरफ्तारियां हुई। जबकि बिहार में 169 करोड़ रुपए और झारखंड में 317 करोड़ रुपए के गोरखधंधे का पता चला है।

सरकार का आने वाले दिनों टैक्स व्यवस्था को आसान बनाने पर जोर रहने वाला है, लेकिन साथ ही उसकी कोशिश चोरी के ऐसे मामलों के खिलाफ सख्ती बरतने की भी रहेगी। मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अब सरकार तकनीक के जरिए माल की आवाजाही पर नजर रख रही है। साथ ही डाटा एनालिटिक्स और आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए लोगों की आमदनी और खर्चों पर भी अधिकारियों की पैनी निगाहें है जिससे चोरों का बच पाना मुश्किल हो जाएगा।

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