पत्नी की जासूसी के मामले में पति पर चलेगा मुकदमा, जानिए क्या है मामला?
पत्नी की जासूसी कराने के एक मामले में अदालत ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा है कि जासूसी किसी की भी कराई जाए, चाहे फिर वह खुद की पत्नी ही क्यों ना हो, यह एक अपराध है।

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पत्नी की जासूसी कराने के एक मामले में अदालत ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा है कि जासूसी किसी की भी कराई जाए, चाहे फिर वह खुद की पत्नी ही क्यों ना हो, यह एक अपराध है और इसको लेकर पति के खिलाफ भी पीछा करने का मुकदमा चलाना न्यायोचित है। अदालत ने कहा कि बेशक पति सीधे तौर पर पीछा नहीं कर रहा था, लेकिन उसके द्वारा पत्नी का पीछा करने के लिए रकम चुकाई गई थी।
साकेत कोर्ट स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुभाष कुमार मिश्रा की अदालत ने पति के खिलाफ पीछा करने का मुकदमा चलाने का आदेश देते हुए कहा कि पति ने शारीरिक तौर पर बेशक पत्नी का पीछा नहीं किया, लेकिन इसके लिए एक जासूसी कंपनी का सहारा लिया। इससे स्पष्ट है कि महिला का पीछा कर रहे युवक व उसके पति का इरादा एक था। इसलिए जब जासूसी कर रहे युवक पर पीछा करने का मुकदमा बनता है तो समान इरादा रखने वाले पति पर भी उन्हीं आरोपों में मुकदमा चलेगा।
अदालत ने कहा कि लड़की अथवा महिला का पीछा करना किसी भी मकसद से न्यायसंगत नहीं है। कानून किसी भी रिश्ते व अनजान व्यक्ति को महिला/लड़की का पीछा करने अथवा जासूसी करने का अधिकार नहीं देता है।
परिचित ने दी थी सूचना : पुलिस को मिली शिकायत के अनुसार, 30 जनवरी 2016 को महिला एक दुकान पर खरीददारी कर रही थी, तभी परिचित व्यक्ति ने बताया कि उसका वीडियो बनाया जा रहा है। महिला ने तत्काल युवक को पकड़ पुलिस को इसकी सूचना दी।
पति ने कहा- सुरक्षा के लिए उठाया कदम
पति की तरफ से दलील दी गई कि उसने पत्नी की सुरक्षा के लिए जासूसी कंपनी का सहारा लिया। इस पर अदालत ने पति से सवाल किया कि अगर पत्नी को किसी तरह का खतरा था तो उसको इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई और जासूसी के लिए उसकी सहमति क्यों नहीं ली गई। इसका जवाब पति के पास नहीं था। अदालत ने पति की इस आधार पर बचाव की दलील को खारिज कर दिया।