भीषण आग की चपेट में आए होटल अर्पित पैलेस (Hotel Arpit Palace) के पांचवे तल का इस्तेमाल छत पर एक रेस्त्रां चलाने के लिए किया जा रहा था जो कि अनधिकृत था। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पांचवी मंजिल को ईंट की दीवार से बंद कर दिया गया था जिसके बाद अग्नि सुरक्षा संबंधी प्रमाण-पत्र जारी किया गया था। उन्होंने बताया कि बाद में छत पर एक रेस्त्रां चलाने के लिए इस दीवार को गिरा दिया गया।
उन्होंने आगे बताया कि पांचवी मंजिल को एक्रलिक छत से ढक दिया गया था और होटल प्रबंधन इसका इस्तेमाल छत पर एक रेस्त्रां चलाने के लिए कर रहा था। साथ ही उन्होंने बताया कि आग बुझाने के दौरान वहां किचन एवं कुर्सियां मिली। दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के एक अधिकारी ने बताया कि होटल अर्पित पैलेस को 12 दिसंबर 2014 को सुरक्षा प्रमाण-पत्र जारी किए जाने के वक्त पांचवी मंजिल को ईंट की दीवार से सील कर दिया था। बाद में चार दिसंबर, 2017 को डीएफएस ने फिर से निरीक्षण किया और मालिक होटल परिसर में अग्नि सुरक्षा मानकों का अनुपालन करते हुए पाया गया और इसे 24 दिसंबर 2017 से तीन साल तक के लिए गेस्टहाउस के तौर पर इस्तेमाल किए जाने के लिहाज से ठीक घोषित किया गया।
अधिकारी ने कहा कि स्पष्ट तौर पर पांचवी मंजिल को सील करने के लिए बनाई गई दीवार ढहा दी गई और उसका इस्तेमाल छत पर रेस्त्रां चलाने के लिए किया जाने लागा।
करोलबाग इलाके के होटल 'अर्पित' में मंगलवार तड़के लगी भीषण आग में 17 लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन गंभीर रूप से झुलस गए। झुलसी हालत में घायलों को पास के अस्पताल में दाखिल कराया गया है, जहां इनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। मरने वालों में एक बच्चा, तीन महिलाएं व एक विदेशी भी शामिल हैं। वहीं गंभीर रूप से झुलसने वालों में तीनों ही महिलाएं हैं।
मरने वालों में केरल के कोच्चि के थे, जबकि एक म्यांमार का रहने वाला था। वहीं फायर विभाग के साथ राहत व बचाव कार्य में जुटी स्थानीय पुलिस व आपदा प्रबंधन की टीम ने आग में फंसे करीब 35 लोगों को सुरक्षित बाहर भी निकाला है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दुर्घटना में मारे गए मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने ऐलान किया है।