दिल्ली: साकेत से ऐतिहासिक स्मारक बदायूं गेट हुआ गायब !, अब बनेगी CISF की कॉलोनी
दिल्ली के साकेत से ऐतिहासिक स्मारक बदायूं गेट लापता हो गया है। यह स्मारक कभी किला राय पिथौरा की चारदीवारी के भीतर होता था। स्मारक के लापता होने के बाद अब दक्षिण दिल्ली नगर निगम (SDMC) ने यहां...
दिल्ली के साकेत से ऐतिहासिक स्मारक बदायूं गेट लापता हो गया है। यह स्मारक कभी किला राय पिथौरा की चारदीवारी के भीतर होता था। स्मारक के लापता होने के बाद अब दक्षिण दिल्ली नगर निगम (SDMC) ने यहां सीआईएसएफ को आवासीय कॉलोनी के निर्माण के लिए ले-आउट प्लान के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह कॉलोनी करीब 12 एकड़ भूमि में बनाए जाने की योजना है।
लाडो सराय, हौजरानी, साकेत, प्रेस एंक्लेव तथा मित्तल फार्म और महरौली-बदरपुर रोड के आस-पास किला राय पिथौरा की चारदीवारी है। इसी चारदीवारी के बीच हौजी रानी गेट, बदायूं गेट और बरका गेट ऐतिहासिक स्मारक थे। भारतीय पुरातत्व विभाग का कहना है कि किला राय पिथौरा चारदीवारी के साक्ष्य वर्तमान में विद्यमान हैं, लेकिन बदायूं गेट मिसिंग (लापता) है। इस संबंध में SDMC का कहना है कि दस्तावेजों में जिस स्थान पर साकेत मेट्रो स्टेशन गेट नंबर तीन विद्यमान है, उस स्थान को बदायूं गेट के रूप में मार्क किया गया है।
SDMC का कहना है कि ऐतिहासिक स्मारक बदायूं गेट के न होने पर अब यहां केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की समूह आवास कॉलोनी को विकसित किया जा सकेगा। करीब 12 एकड़ भूमि में से आठ एकड़ भूमि आवास के लिए होगी जिसमें चार आवासीय टॉवर बनाए जाएंगे, जिनकी ऊंचाई 32.55 मीटर होगी। इसके अलावा खुले स्थान पर पार्किंग और दोहरे स्टैक वाली पार्किंग, विद्युत उप-केंद्र, सामुदायिक सुविधा प्रस्तावित की गई हैं।
इसके अलावा चार एकड़ भूमि हरित क्षेत्र के लिए होगा। आवासीय कॉलोनी का निर्माण राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) करेगी। बताया गया कि अवासीय कॉलोनी का निर्माण करने से पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना अनिवार्य होगा। एनओसी मिलने के बाद ही यहा निर्माण किया जा सकेगा।