बामनोली जमीन अधिग्रहण मामले में मुख्य सचिव की याचिका पर हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने बामनोली जमीन अधिग्रहण मामले में मुख्य सचिव की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। याचिका में नरेश कुमार ने एक पोर्टल से लेख हटाने की मांग की है।

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने मुख्य सचिव नरेश कुमार की एक याचिका पर मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। इस याचिका में नरेश कुमार ने अदालत से समाचार पोर्टल 'द वायर' को वह लेख हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। पोर्टल की रिपोर्ट में बामनोली जमीन अधिग्रहण मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार पर कथित तौर पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। जस्टिस सचिन दत्ता की पीठ के समक्ष यह मामला आया। उन्होंने कहा कि वह अंतरिम याचिका पर आदेश पारित करेंगे।
मुख्य सचिव नरेश कुमार ने नौ नवंबर को 'द वायर' की ओर से प्रकाशित लेख के संबंध में मानहानि याचिका दायर की है। लेख में बामनोली भूमि अधिग्रहण मामले में कथित तौर पर नरेश कुमार के बेटे का नाम लाभार्थी परिवार से जोड़ा गया था। उक्त 19 एकड़ जमीन को द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 2018 में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने अधिग्रहित किया था।
कुमार ने अपनी याचिका में लेख को हटाने, समाचार पोर्टल को उनके खिलाफ कोई भी मानहानिकारक लेख प्रकाशित करने से रोकने का निदेश देने का अनुरोध किया था। सुनवाई के दौरान, नरेश कुमार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि यह लेख लोगों के मन में उनके खिलाफ संदेह पैदा करने और कुछ लोगों को खुश करने के लिए पूर्व नियोजित तरीके से प्रकाशित किया गया।
वहीं समाचार पोर्टल की ओर से पेश वकील ने कहा कि लेख में कुछ सवाल उठाए गए थे। इसका इरादा किसी भी तरह से नरेश कुमार को बदनाम करना नहीं था। याचिका में कहा गया है कि मुख्य सचिव ने 13 नवंबर को पोर्टल और संवाददाता को एक कानूनी नोटिस भी भेजा था, जिसमें दावा किया गया था कि लेख की सामग्री प्रथम दृष्टया भ्रामक और मानहानिकारक है।
खबरों के मुताबिक, बामनोली में अधिग्रहण की प्रक्रिया में जमीन की कीमत मई में 41.52 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 353.79 करोड़ रुपये कर दी गई थी। रिपोर्टों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बढ़े हुए दामों पर मुआवजे को मंजूरी देने के लिए दक्षिण पश्चिम दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट हेमंत कुमार के खिलाफ कार्रवाई शुरू की।
