वार्षिक और विकास शुल्क वसूलने पर रोक से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार, छात्रों को 2021-22 में भी मिलेगी 15 फीसदी छूट
निजी स्कूलों को छात्रों से कोरोना महामारी के दौरान का वार्षिक और विकास शुल्क वसूलने की छूट देने के एकल पीठ के फैसले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि हाईकोर्ट...

निजी स्कूलों को छात्रों से कोरोना महामारी के दौरान का वार्षिक और विकास शुल्क वसूलने की छूट देने के एकल पीठ के फैसले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों को शैक्षणिक सत्र 2020-21 की तरह 21-22 में भी 15 फीसदी की छूट देने का निर्देश दिया है।
जस्टिस रेखा पल्ली और अमित बंसल की अवकाशकालीन पीठ ने दिल्ली सरकार और छात्रों की ओर से एकल पीठ के फैसले के खिलाफ दाखिल अपीलों पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है। इसके साथ ही पीठ ने सरकार की अपील पर निजी स्कूलों के संघ एक्शन कमेटी को नोटिस जारी कर मामले की अगली सुनवाई से पहले जवाब देने को कहा है। साथ ही छात्रों और गैर सरकारी संगठन जस्टिस फॉर ऑल की अपील पर दिल्ली सरकार और निजी स्कूलों के संघ एक्शन कमेटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
दिल्ली सरकार की ओर से स्थायी वकील संतोष त्रिपाठी ने अपील दाखिल कर हाईकोर्ट के एकल पीठ के फैसले पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने पीठ को बताया एकल पीठ ने कानूनी प्रावधानों को दरकिनार कर निजी स्कूलों को छात्रों से वार्षिक और विकास शुल्क वसूलने की छूट दे दी है। त्रिपाठी ने पीठ को बताया की एकल पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के जिस फैसले को आधार बनाकर निजी स्कूलों को वार्षिक और विकास शुल्क वसूलने की छूट दी है, वह फैसला राजस्थान के लिए है और दिल्ली में लागू नहीं होता है। हालांकि, पीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन निजी स्कूलों को आदेश दिया कि वह छात्रों को शैक्षणिक सत्र 2020-21 की तरह 2021-22 में भी 15 फीसदी की छूट देंगे।
हाईकोर्ट के एकल पीठ ने पिछले सप्ताह निजी स्कूलों को वार्षिक और विकास शुल्क लेने की छूट दे दी थी। एकल पीठ ने दिल्ली सरकार के अप्रैल 2020 और अगस्त 2020 में जारी दो आदेशों को रद्द करते हुए या फैसला दिया था। एकल पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को निजी स्कूलों के शुल्क निर्धारण में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। साथ ही सरकार के दोनों आदेशों को रद्द करते हुए निजी स्कूलों को छात्रों से कोरोना महामारी के दौरान का वार्षिक और विकास वसूलने पर की छूट दे दी थी। हालांकि, एकल पीठ ने निजी स्कूलों को शैक्षणिक सत्र 2020-21 में 15 फीसदी की छूट देने का निर्देश दिया था। साथ ही इस्मत का पैसा छह मासिक किस्तों में लेने का निर्देश दिया था। इस फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार के अलावा कुछ छात्रों और गैर सरकारी संगठन जस्टिस फॉर ऑल की ओर से वकील खगेश झा और शिखा बग्गा ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है।