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दिल्ली हाईकोर्ट से कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान को राहत, इन 2 शर्तों पर मिली अंतरिम जमानत

दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित रूप से पुलिस कर्मियों के साथ गाली-गलौज और दुर्व्यवहार करने के दो मामलों में कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान को सोमवार को सशर्त अंतरिम जमानत दे दी है।

दिल्ली हाईकोर्ट से कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान को राहत, इन 2 शर्तों पर मिली अंतरिम जमानत
Praveen Sharmaनई दिल्ली। एएनआईMon, 20 Mar 2023 12:06 PM
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दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित रूप से पुलिस कर्मियों के साथ गाली-गलौज और दुर्व्यवहार करने के दो मामलों में ओखला से कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान (Asif Mohammad Khan) को सोमवार को सशर्त अंतरिम जमानत दे दी। हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता को इस शर्त पर अंतरिम जमानत दी गई है कि वह सप्ताह में तीन दिन प्रौढ़ शिक्षा केंद्र में अपनी सेवाएं देंगे और और अपने तरीके सुधारते हुए भविष्य में इस तरह के अपराध में संलिप्त नहीं होंगे।

हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान पर यह देखते हुए शर्त लगाई कि वह जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व छात्र हैं।

जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने इस शर्त पर अंतरिम जमानत दी कि वह हर तीसरे दिन (अल्टरनेट डे) शाहीन बाग थाने के एसएचओ समक्ष अपनी हाजिरी लगाएंगे और बिना किसी समर्थक के अकेले ही वहां जाएंगे।

दूसरी शर्त यह रखी गई कि वह 27 मार्च को डीएसएलएसए के सदस्य सचिव के पास जाएंगे और उनसे अनुरोध करेंगे कि वह सप्ताह में तीन बार दो घंटे के लिए किसी मान्यता प्राप्त एनजीओ द्वारा चलाए जा रहे प्रौढ़ शिक्षा केंद्र में सेवा प्रदान करे।

बेंच ने तीसरी शर्त यह रखी कि यदि याचिकाकर्ता को इसी तरह के अपराध में संलिप्त पाया जाता है, तो पुलिस उनकी अंतरिम जमानत रद्द करने की मांग करने के लिए स्वतंत्र होगी। मामले को आगे की सुनवाई के लिए 6 सितंबर के लिए सूचीबद्ध किया गया है ताकि यह देखा जा सके कि याचिकाकर्ता अपने तरीके से सुधार करता है या नहीं।

बेंच ने कहा, ''वह विधायक रह चुके हैं और उनकी बेटी एमसीडी की पार्षद हैं, अगर वह इस तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं तो दूसरे लोग क्या करेंगे।''

बेंच ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता की जमानत निचली अदालत ने 28 जनवरी को मौजूदा एफआईआर दर्ज होने के बाद रद्द कर दी थी। पूर्व के मामले में अदालत द्वारा लगाई गई शर्त के मद्देनजर जमानत रद्द कर दी गई थी कि वह समान प्रकृति के अपराधों में संलिप्त नहीं होंगे। इसके साथ ही मौजूदा एफआईआर में याचिकाकर्ता की जमानत याचिका को भी निचली अदालत ने खारिज कर दिया था।

कांग्रेस नेता के खिलाफ इस साल जनवरी में थाना शाहीन बाग में पुलिसकर्मियों से कथित दुर्व्यवहार का मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले नवंबर 2022 में भी उनके खिलाफ इसी तरह का मामला दर्ज किया गया था।

आसिफ खान की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील रमेश गुप्ता कोर्ट को बताया कि वह एक पूर्व विधायक हैं और 1994 से 2008 के बीच दर्ज सभी मामलों में उन्हें बरी कर दिया गया है। वह एक शिक्षित व्यक्ति हैं और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व छात्र हैं। वह 75 दिनों से हिरासत में हैं।

वकील ने यह भी कहा कि आईपीसी की केवल एक धारा 353 गैर जमानती है और यह याचिकाकर्ता के खिलाफ नहीं बनती है।

दूसरी ओर, अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) ने जमानत याचिकाओं का विरोध किया और कहा कि याचिकाकर्ता बार-बार ऐसे अपराध करता है। आरोपी के खिलाफ पर्याप्त डिजिटल साक्ष्य हैं। अगर उन्हें जमानत दी जाती है तो इससे समाज में गलत संदेश जाएगा और वह फिर से इसी तरह के अपराध में लिप्त होंगे।

अदालत द्वारा पूछे जाने पर एपीपी ने कहा कि अगर अदालत उन्हें जमानत देती है, तो कड़ी शर्तें लगाई जा सकती हैं।

आसिफ मोहम्मद खान ने नियमित जमानत की मांग करते हुए वकील शैलेंद्र सिंह के माध्यम से जमानत याचिका दायर की।

खान के खिलाफ 4 जनवरी, 2023 को शाहीन बाग थाने में आईपीसी की धारा 186, 353, 341 और 153 ए के तहत मामला दर्ज किया गया था। 

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