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दिल्ली : डॉक्टर खुदकुशी मामले में और शख्स को मिली जमानत, 'आप' विधायक प्रकाश जारवाल भी हैं आरोपी

दिल्ली हाईकोर्ट ने डॉक्टर की आत्महत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक आरोपी हरीश कुमार की जमानत मंजूर कर ली। इस मामले में देवली से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक प्रकाश जारवाल भी आरोपी...

दिल्ली : डॉक्टर खुदकुशी मामले में और शख्स को मिली जमानत, 'आप' विधायक प्रकाश जारवाल भी हैं आरोपी
नई दिल्ली। एएनआईSat, 26 Sep 2020 01:02 PM
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दिल्ली हाईकोर्ट ने डॉक्टर की आत्महत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक आरोपी हरीश कुमार की जमानत मंजूर कर ली। इस मामले में देवली से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक प्रकाश जारवाल भी आरोपी हैं।

जस्टिस विभु बाखरू की बेंच ने शुक्रवार को आरोपी हरीश कुमार को जमानत देते हुए स्पष्ट किया कि किसी भी स्तर पर अगर यह पाया जाता है कि याचिकाकर्ता ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी गवाह से संपर्क करने या प्रभावित करने का प्रयास किया है तो उसकी जमानत रद्द कर दी जाएगी।

कोर्ट ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए कि चार्जशीट दायर कर दी गई है और जांच पूरी हो गई है, यह अदालत वर्तमान याचिका को अनुमति देने के लिए इसे उचित मानती है। याचिकाकर्ता को 10,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि का जमानती बॉन्ड भरने पर रिहा किया जाएगा।  

विधायक प्रकाश जारवाल और अन्य आरोपियों पर 52 वर्षीय डॉक्टर को आ आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। इस मामले में जारवाल को इस साल जून महीने में ही जमानत मिल गई थी।

एफआईआर के अनुसार, डॉ. राजिंदर सिंह ने अपने घर की छत पर आत्महत्या कर ली थी। कथित तौर पर उन्होंने 18 मार्च, 2020 की सुबह छत की रेलिंग से जुड़ी एक रस्सी से फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली थी। उनके पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया था। सुसाइड नोट में इस बात का जिक्र किया गया था कि मृतक अपने पानी के टैंकरों को लेकर परेशान था, जो दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) में कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर चल रहे थे, जिन्हें बाद में बंद कर दिया गया था।

कथित सुसाइड नोट कहा गया है कि डॉक्टर से कुछ अवैध मांगें की गई थीं, जिन्हें वह पूरी नहीं कर सकते थे। अभियोजन पक्ष के अनुसार, विधायक प्रकाश जारवाल डीजेबी के अधिकारियों की मिलीभगत से विभिन्न सर्विस प्रोवाइडरों से धन उगाही कर रहे थे और मृतक उनमें से एक था।
वहीं, आरोपी हरीश कुमार का केस लड़ रहे वकील रवि द्राल ने कहा किया कि हरीश को दिल्ली जल बोर्ड और मृतक के बीच कॉन्ट्रैक्ट की समाप्ति के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि मृतक को कुछ साल पहले ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था और वह अपनी पत्नी के नाम से उक्त टैंकरों को चला रहा था। वकील ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता को डीजेबी द्वारा मृतक को प्रदान किए गए भुगतानों को रोककर रखने के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, जिसका मुख्य कारणों में से एक के रूप में जिक्र किया गया है, जिसने मृतक को आत्महत्या के लिए मजबूर किया।

मृतक डॉक्टर के बेटे ने पुलिस को दी गई शिकायत में कहा था कि उसके पिता ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को पानी के टैंकरों की सप्लाई की थी और इससे हुए आर्थिक नुकसान के कारण वह परेशान थे क्योंकि आरोपी विधायक ने अन्य लोगों के साथ मिलकर पीड़ित से पैसों की मांग करते हुए उनका भुगतान रोक दिया था। जिस कारण उनकी मौत हो गई थी। हालांकि देवली के AAP विधायक ने इन आरोपों से इनकार किया है।

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