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सेंट स्टीफंस कॉलेज में ईसाइयों के लिए कटऑफ संबंधी याचिका खारिज

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सेंट स्टीफंस कॉलेज के स्नातक कोर्स में दाखिले के लिए आवेदकों के ईसाई अनुसूचित जनजाति (सीएसटी), ईसाई अन्य (सीओटीएच) व ईसाई शारीरिक...

सेंट स्टीफंस कॉलेज में ईसाइयों के लिए कटऑफ संबंधी याचिका खारिज
नई दिल्ली | एजेंसीWed, 17 Jul 2019 06:07 PM
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दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सेंट स्टीफंस कॉलेज के स्नातक कोर्स में दाखिले के लिए आवेदकों के ईसाई अनुसूचित जनजाति (सीएसटी), ईसाई अन्य (सीओटीएच) व ईसाई शारीरिक विकलांग (सीपीएच) श्रेणी के लिए कटऑफ मार्क में कथित तौर पर व्यापक विसंगतियां पाई जाने की बात कही गई थी।

चीफ जस्टिस डी.एन.पटेल और जस्टिस सी. हरिशंकर की बैंच ने नंदिता नारायण द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। नंदिता नारायण, कॉलेज में प्राध्यापक हैं। 

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, नारायण ने अपनी याचिका में दलील दी है कि ईसाई आरक्षण श्रेणी में उम्मीदवारों के लिए शैक्षिक वर्ष 2019-20 में विभिन्न कोर्स में दाखिले के लिए कटऑफ मार्क कृत्रिम रूप से ज्यादा व अवैध हैं।

याचिका में कहा गया था कि सीएसटी, सीपीएच गैर ईसाई एससी/एसटी/पीएच उम्मीदवारों को निधारित संख्या में साक्षात्कार व लिखित परीक्षा के लिए नहीं बुलाकर कटऑफ बहुत उच्च स्तर पर रखा गया था। ये उम्मीदवार सामान्य तौर पर विचार क्षेत्र के तहत आते हैं, क्योंकि ये अनुच्छेद 11 में निर्दिष्ट हैं।

याचिका में कहा गया कि इन दिशानिर्देशों को अनुच्छेद-11 में निर्दिष्ट किया गया है कि उम्मीदवारों को साक्षात्कार और लिखित परीक्षा के लिए उपलब्ध सीटों की संख्या के एक निश्चित अनुपात में बुलाया जाना चाहिए। अनुच्छेद-11 का प्रभाव यह है कि विचार क्षेत्र में सबसे कम अंक पाने वाला उम्मीदवार कटऑफ मार्क निधारित करता है। इस तरह से अगर साक्षात्कार व लिखित परीक्षा के लिए बुलाए गए उम्मीदवार निधारित अनुपात से कम है तो कटऑफ मार्क ज्यादा होगा।

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