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Hindi News NCR'बहुत क्रूर तरीके से किया अपराध'; दिल्ली हाईकोर्ट का प्रेमी के पति के हत्यारे को जमानत देने से इनकार

'बहुत क्रूर तरीके से किया अपराध'; दिल्ली हाईकोर्ट का प्रेमी के पति के हत्यारे को जमानत देने से इनकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने अपनी प्रेमिका के पति को चलती ट्रेन के सामने धक्का देकर मारने के आरोपी व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि अपराध बहुत ही क्रूर तरीके से किया गया था।

'बहुत क्रूर तरीके से किया अपराध'; दिल्ली हाईकोर्ट का प्रेमी के पति के हत्यारे को जमानत देने से इनकार
Praveen Sharmaनई दिल्ली। पीटीआईSat, 27 Jul 2024 01:30 PM
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दिल्ली हाईकोर्ट ने अपनी प्रेमिका के पति को चलती ट्रेन के सामने धक्का देकर मारने के आरोपी व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि अपराध बहुत ही क्रूर तरीके से किया गया था। कोर्ट ने कहा कि अपराध की जघन्यता एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारक है, जिसे आरोपी को जमानत देने या न देने का निर्णय लेते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए।

जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा, "इस न्यायालय की राय है कि यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि याचिकाकर्ता ने अपराध किया है। याचिकाकर्ता पर क्रूर तरीके से हत्या करने का आरोप है। यदि दोषी पाया जाता है, तो याचिकाकर्ता को आजीवन कारावास या यहां तक ​​कि मौत की सजा भी हो सकती है।"

न्यायाधीश ने कहा कि भले ही आरोपी 2019 से हिरासत में है, लेकिन मुकदमे में पर्याप्त प्रगति हुई है और अधिकांश गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है, अपराध की प्रकृति और जिस तरह से उसने इसे अंजाम दिया, उसे देखते हुए वह इस समय उसे जमानत देने के लिए इच्छुक नहीं हैं।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी व्यक्ति 2019 में पीड़ित को जखीरा में रेलवे लाइन के पास एक सुनसान सड़क पर ले गया और उसके सिर पर कई बार ईंट से वार किया। इसके बाद, उसने पीड़ित को एक चलती ट्रेन के आगे धक्का दे दिया, जो उसे घसीटते हुए ले गई और उसके शरीर के दो टुकड़े हो गए।

आरोपी ने ही पीड़ित के परिवार को इस वारदात के बारे में सूचित किया था और इसे दुर्घटना का रंग देने की कोशिश की थी। पुलिस ने कहा था कि आरोपी पीड़ित की पत्नी का दोस्त था और वो उसे पसंद करता था।

आरोपी ने तर्क दिया था कि चूंकि अधिकांश गवाहों से पूछताछ हो चुकी है, इसलिए उसे अब और हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है। उसके वकील ने दावा किया था कि उसके मुवक्किल के खिलाफ मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित है और उसे इसमें झूठा फंसाया गया है।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि उस व्यक्ति पर बहुत गंभीर अपराध का आरोप लगाया गया है और मामले के तथ्य तथा गवाहों के बयान उसकी मिलीभगत की ओर इशारा करते हैं।

हाईकोर्ट ने कहा, "याचिकाकर्ता पर उस महिला के पति की हत्या करने का आरोप है जिससे वह प्यार करता था। रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री से पता चलता है कि याचिकाकर्ता ने मृतक का विश्वास जीता, भले ही वह उसकी पत्नी से प्यार करता था। अपराध बहुत क्रूर तरीके से किया गया है और याचिकाकर्ता ने पहले पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की और इसे दुर्घटना का रंग देने की भी कोशिश की है।"