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मरीजों को सस्ती सर्जरी का लालच, एजेंट को मोटा कमीशन, शिकार को इस तरह फंसाता था डॉक्टर नीरज

दिल्ली के ग्रेटर कैलाश पार्ट-1 स्थित अग्रवाल मेडिकल सेंटर फर्जीवाड़े मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। आरोपी डॉक्टर नीरज कम दाम में सर्जरी का लालच देकर मरीजों को फंसाता था।

मरीजों को सस्ती सर्जरी का लालच, एजेंट को मोटा कमीशन, शिकार को इस तरह फंसाता था डॉक्टर नीरज
Praveen Sharmaनई दिल्ली। हिन्दुस्तानTue, 21 Nov 2023 06:07 AM
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दिल्ली के ग्रेटर कैलाश पार्ट-1 स्थित अग्रवाल मेडिकल सेंटर फर्जीवाड़े मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। आरोपी डॉक्टर नीरज कम दाम में सर्जरी का लालच देकर मरीजों को फंसाता था। अभी एक दर्जन से ज्यादा एजेंट पुलिस रडार पर हैं। इनमें सरकारी अस्पतालों में तैनात कर्मचारी, मेडिकल स्टोर चलाने वाले और कई सफाईकर्मी शामिल हैं। यह एजेंट मरीज के पूरे बिल का 35 प्रतिशत कमीशन के साथ उन्हें मेडिकल सेंटर में भेजते थे। जहां डॉ. नीरज और उनकी टीम सस्ते दाम में सर्जरी का लालच देते थे। आरोपी डॉक्टर के एक एजेंट को पुलिस गिरफ्तार भी कर चुकी है।

प्रसव की सर्जरी मात्र 6 हजार में : आरोपी नीरज ने बताया कि वह सरकारी अस्पतालों के मरीजों और गरीब तबके के लोगों की सर्जरी सस्ती करते थे। प्रसव की सर्जरी के एवज में केवल 6 हजार रुपये और पथरी के ऑपरेशन के लिए 15 से 20 हजार रुपये लेता था। खुद से आने वाले मरीजों के लिए अलग से रकम तय की जाती थी।

50 से ज्यादा मरीजों को भेजा चुका : पुलिस ने डॉक्टर नीरज के एक एजेंट जुल्फिकार को गिरफ्तार किया था। उसने बताया कि उसके और डॉ. नीरज के बीच एक डील हुई थी कि वह जितने मरीजों को भेजेगा, डॉ. नीरज हर मरीज के कुल बिल अमाउंट का 35 प्रतिशत उसे देगा। डॉ. नीरज आरोपी जुल्फिकार को फोन-पे के माध्यम से उसका हिस्सा भेज देता था। जुल्फिकार अभी तक 50 से ज्यादा मरीजों को डॉक्टर नीरज के पास भेज चुका है।

ऑपरेशन करने वाली मशीन नहीं मिली

पुलिस अधिकारी ने बताया कि डॉ. नीरज के मोबाइल से अभी तक एक दर्जन से ज्यादा लोगों के नंबर मिले हैं। यह लगातार आरोपी के संपर्क में हैं और आरोपी लगातार उन्हें पैसे भेजता रहा है। पुलिस ने उन सभी के बारे में जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। इनमें सरकारी कर्मचारी, मेडिकल स्टोर संचालक और सफाईकर्मी शामिल हैं। डॉ. नीरज पूछताछ के दौरान लगातार अपने बयान भी बदल रहा है। इसके चलते पुलिस अभी तक वह मशीन बरामद नहीं कर सकी है, जो मेडिकल सेंटर में ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल की जाती थी।

ये है मामला : ज्ञात हो कि अक्टूबर में मेडिकल सेंटर में एक शख्स को इलाज के लिए भर्ती किया गया था, जहां डॉक्टर ने उसका ऑपरेशन कर दिया और उसकी मौत हो गई। परिजनों की शिकायत के बाद ग्रेटर कैलाश थाना एसएचओ अजीत कुमार, एसआई श्रीभगवान की टीम ने जांच शुरू की और सामने आया कि इस मेडिकल सेंटर में बड़ी संख्या में मरीजों की ऑपरेशन के बाद मौत हुई है। सर्जरी करने वालों में शामिल एक शख्स के पास फर्जी डिग्री थी।

गर्भवती के पति से कराई जांच

शशिभूषण के अनुसार, डॉ. नीरज ने उससे जबरन डॉक्टर की ड्रेस पहनाकर अस्पताल में आने वाले मरीजों की जांच कराई थी। करीब एक घंटे तक शशिभूषण ने डॉक्टर बनकर अस्पताल में मरीजों को देखा था। इसके एवज में डॉक्टर नीरज ने उसकी पत्नी का इलाज करने के लिए कहा था, लेकिन बिना इलाज किए ही उन्हें अस्पताल से निकाल दिया।

वर्ष 2011 में मिली थी शिकायत

डॉ. नीरज के खिलाफ वर्ष 2011 में एक शख्स ने शिकायत दी थी। शिकायतकर्ता शशिभूषण ने बताया कि उसकी पत्नी को पेट दर्द की शिकायत थी। वह उसे मेडिकल सेंटर लेकर गया। वहां डॉ. नीरज ने एक माह में एक ही बीमारी के लिए दो ऑपरेशन कर दिए और उससे 2.10 लाख रुपये ले लिए। उसकी पत्नी की तबीयत खराब होने पर जब उसने डॉक्टर का विरोध किया तो उसने मरीज को सड़क पर बैठा दिया। इसके बाद वह पुलिस के पास गए। उसकी पत्नी गर्भवती थी, लेकिन नीरज के इलाज के चलते बच्चे की भी मौत हो गई।

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