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बैकफुट पर आई केजरीवाल सरकार? दिल्ली में शराब बिक्री की पुरानी नीति फिर होगी वापस

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस महीने की शुरुआत में नई आबकारी नीति के कार्यान्वयन में नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।

बैकफुट पर आई केजरीवाल सरकार? दिल्ली में शराब बिक्री की पुरानी नीति फिर होगी वापस
Praveen Sharmaनई दिल्ली | पीटीआईFri, 29 Jul 2022 11:02 PM

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राजधानी दिल्ली में जल्द ही शराब बिक्री की पुरानी व्यवस्था एक बार फिर लौटने वाली है। दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा नई आबकारी नीति (New Excise Policy) के क्रियान्वयन की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद दिल्ली सरकार ने राजधानी में खुदरा शराब बिक्री की पुरानी व्यवस्था को फिर से अपनाने का फैसला किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

आबकारी नीति 2021-22, जिसे 31 मार्च के बाद दो बार दो-दो महीने की अवधि के लिए बढ़ाया गया था, वो 31 जुलाई को समाप्त हो जाएगी।

आबकारी विभाग फिलहाल आबकारी नीति 2022-23 पर काम कर रहा है, जो अन्य बातों के अलावा दिल्ली में शराब की होम डिलीवरी की सिफारिश करती है। अधिकारियों ने कहा कि मसौदा नीति को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना को उनकी मंजूरी के लिए भेजा जाना बाकी है।

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उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, जिनके पास आबकारी विभाग का भी अतिरिक्त प्रभार है, उन्होंने गुरुवार को विभाग को नई नीति आने तक छह महीने की अवधि के लिए आबकारी नीति की पुरानी व्यवस्था को वापस अपनाने का निर्देश दिया है।

एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, वित्त विभाग ने आबकारी आयुक्त को 17 नवंबर, 2021 से नई आबकारी नीति लागू होने से पहले दिल्ली सरकार के चार निगमों के प्रमुखों के साथ उनके द्वारा संचालित शराब की दुकानों के विवरण के लिए समन्वय करने का निर्देश दिया है।

चार निगम - दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम (DSIIDC), दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम (DTTDC), दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर (DCCWS) और दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम (DSCSC) - अधिकांश शराब चला रहे थे। आबकारी नीति 2021-22 से पहले शहर में दुकानों पर दिल्ली सरकार द्वारा शराब की खुदरा बिक्री बंद कर दी गई थी।

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नई नीति के तहत निजी फर्मों को खुली बोली के जरिए 849 शराब ठेकों के लाइसेंस जारी किए गए। शहर को 32 क्षेत्रों में विभाजित किया गया था, जिनमें से प्रत्येक में अधिकतम 27 विक्रेता थे। व्यक्तिगत लाइसेंस के बजाय, बोली क्षेत्रवार की गई थी और प्रत्येक बोलीदाता को अधिकतम दो क्षेत्रों के लिए बोली लगाने की अनुमति दी गई थी।

इससे पहले, चार सरकारी निगम दिल्ली में कुल 864 में से 475 शराब की दुकान चलाते थे, जबकि 389 लाइसेंस निजी स्टोर, व्यक्तियों के पास थे।

वित्त विभाग ने आबकारी विभाग को शुक्रवार तक अपने स्थान, तैनात कर्मचारियों की संख्या, किराए या सरकारी परिसर सहित पुरानी दुकानों का विवरण सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में प्रदान करने के लिए कहा था।

दिल्ली के उपराज्यपाल ने इस महीने की शुरुआत में आबकारी नीति के कार्यान्वयन में नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।

उन्होंने दिल्ली के मुख्य सचिव को कथित अनियमितताओं में आबकारी विभाग के अधिकारियों की भूमिका की जांच के साथ-साथ बोली के माध्यम से खुदरा शराब लाइसेंस जारी करने में कार्टेलाइजेशन की शिकायत का भी निर्देश दिया था। 

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