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दिल्ली: प्रदूषण रोकने को सरकार ने निजी निर्माण कंपनियों के लिए जारी किए ये दिशानिर्देश, 15 दिन में करना होगा पालन

दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम के लिए निजी निर्माण कंपनियों को 14 कदम उठाने होंगे। पर्यावरण विभाग ने इन कंपनियों के लिए 14 सूत्रीय दिशा-निर्देश जारी किए हैं। पंद्रह दिन के अंदर इनका पालन सुनिश्चित...

दिल्ली: प्रदूषण रोकने को सरकार ने निजी निर्माण कंपनियों के लिए जारी किए ये दिशानिर्देश, 15 दिन में करना होगा पालन
प्रमुख संवाददाता,नई दिल्लीSat, 18 Sep 2021 08:01 AM

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दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम के लिए निजी निर्माण कंपनियों को 14 कदम उठाने होंगे। पर्यावरण विभाग ने इन कंपनियों के लिए 14 सूत्रीय दिशा-निर्देश जारी किए हैं। पंद्रह दिन के अंदर इनका पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। दिल्ली में प्रदूषण के प्रमुख कारकों में धूल को शामिल किया जाता है। 

हवा में धूल की मात्रा अधिक होने के चलते सांस लेने में तकलीफ जैसी परेशानी का सामना करना पड़ता है। दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग ने धूल से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए सख्त कदमों की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत जहां सरकारी निर्माण संस्थाओं को 21 तारीख तक कार्ययोजना जमा करने को कहा गया है। 

वहीं, शुक्रवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने निर्माण कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इसमें 50 से अधिक कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इन सभी से निर्माण और ध्वस्तीकरण के समय 14 सूत्रीय निर्देशों का पालन करने को कहा गया है। ऐसा नहीं करने वालों को कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, 'राजधानी में धूल को उड़ने से रोकना प्राथमिकता में शामिल है। इसलिए दिशा-निर्देशों में प्रमुख तौर पर ऐसे कदमों को शामिल किया गया है, जिससे निर्माण और ध्वस्तीकरण स्थलों पर धूल उड़ने से रोकी जा सके। ऐसा करने से प्रदूषण की काफी हद तक रोकथाम संभव हो सकेगी।'

ये हैं दिशा-निर्देशः

1. निर्माण स्थलों के चारों तरफ टीन की दीवार खड़ी करनी होगी।
2. बीस हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में निर्माण व ध्वस्तीकरण होने पर एंटी स्मोग गन लगाना अनिवार्य होगा।
3. ऐसे निर्माण को तिरपाल या ग्रीन नेट से ढंकना अनिवार्य।
4. निर्माण सामग्री लाने-ले जाने वाले वाहनों की सफाई अनिवार्य।
5. निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों को पूरी तरह से ढंकना।
6. निर्माण सामग्री या मलबे का सड़क किनारे भंडारण प्रतिबंधित।
7. बिना ढंके मिट्टी या बालू को नहीं रखा जाएगा।
8. पत्थरों की कटिंग या ग्राइडिंग खुले में नहीं होनी चाहिए।
9. धूल से बचाव के लिए लगातार पानी का छिड़काव।
10. बीस हजार वर्ग मीटर से ज्यादा वाली साइट पर सड़क पक्की हो या ब्लैक डाक्स बनाई जाए।
11. मलबे को चिह्नित साइट पर ही भेजा जाए और रिकार्ड रखा जाए।
12. कर्मचारियों को डस्ट मास्क दिया जाए।
13. उनकी चिकित्सा की व्यवस्था हो।
14. निर्माण स्थलों पर सार्वजनिक बोर्ड लगाया जाएं।

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