शराब घोटाला : CBI कोर्ट ने 2 पूर्व अफसरों समेत 5 आरोपियों को दी अंतरिम जमानत
अदालत ने इनकी नियमित जमानत याचिका पर सीबीआई से भी जवाब मांगा और मामले में अगली सुनवाई के लिए 24 जनवरी की तारीख तय की है। अदालत ने कहा कि सभी पांच आरोपियों को जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया गया।
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दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार की आबकारी नीति मामले की जांच के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार नहीं किए गए पांच आरोपियों को अंतरिम जमानत दे दी।
विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने मंगलवार को आबकारी विभाग के दो पूर्व अधिकारियों कुलदीप सिंह और नरेंद्र सिंह को जमानत दे दी। कोर्ट ने गौतम मूथा और अरुण पिल्लई और व्यवसायी समीर महेंद्रू को भी जमानत दे दी। अदालत ने उन्हें 50,000 रुपये के निजी मुचलके और एक जमानत राशि पर जमानत दी है।
24 जनवरी को फिर होगी सुनवाई
इस बीच, अदालत ने उनकी नियमित जमानत याचिका पर सीबीआई से भी जवाब मांगा और मामले में अगली सुनवाई के लिए 24 जनवरी, 2023 की तारीख तय की है। अदालत ने कहा कि सभी पांच आरोपियों को जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया गया।
दो आरोपियों विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली को सीबीआई कोर्ट ने पहले ही जमानत दे दी थी। हाल ही में ट्रायल कोर्ट ने कुल सात आरोपियों के खिलाफ दायर सीबीआई चार्जशीट का संज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया था।
समीर महेंद्रू, विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली को न्यायिक हिरासत में रखा गया है क्योंकि उन्हें भी ईडी ने एक्साइज और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था और उनकी जमानत याचिका ट्रायल कोर्ट में लंबित है।
7 में से केवल 2 अभियुक्तों की हुई गिरफ्तारी
अदालत ने इस बात पर गौर किया कि सीबीआई ने हाल ही में 7 अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है और इनमें से केवल अभियुक्त विजय नायर और अभिषेक बोनीपल्ली को गिरफ्तार किया गया है। दोनों को मिली जमानत को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। चार्जशीट 5 अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बिना दायर की गई है।
हाल ही में सीबीआई ने विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली को जमानत देने के निचली अदालत के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
सीबीआई की याचिका में कहा गया है कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने प्रतिवादी आरोपी को न केवल बेहद गंभीर और व्यापक आर्थिक अपराध में जमानत की रियायत दी है, बल्कि इस विवेक का प्रयोग जांच के एक बहुत ही महत्वपूर्ण चरण में किया गया है।
जांच एजेंसी ने बताया कि जमानत से संबंधित किसी भी विवेकाधीन आदेश का परीक्षण करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित सात परीक्षणों का वर्तमान मामले में अनुपालन नहीं किया गया है। यह भी बताया गया है कि वर्तमान मामला एक साजिश का मामला है, जिसे बेहद पेचीदा तरीके से अंजाम देने की कोशिश की जा रही है, जिसका स्पष्ट उद्देश्य यह है कि यदि कोई जांच हो तो वो वास्तविक दोषियों तक न पहुंचे।
14 नवंबर 2022 को आम आदमी पार्टी (आप) के कम्यूनिकेशन इंचार्ज विजय नायर और हैदराबाद के व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली को दिल्ली आबकारी नीति मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दे दी थी। हालांकि, नायर और बोइनपल्ली को तिहाड़ से रिहा नहीं किया गया क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के एक ही मामले में हिरासत में लिया है।