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वह मस्तीखोर है...; कोचिंग हादसे पर कोर्ट में सरकारी वकील ने गाड़ी वाले की बताई गलती

दिल्ली के राजेंद्र नगर में हुए कोचिंग हादसे में गिरफ्तार किए गए एसयूवी ड्राइवर की जमानत याचिका पर यहां की एक अदालत में सुनवाई हुई। न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद कुमार ने आदेश सुरक्षित रख लिया है।

Admin पीटीआई, नई दिल्लीTue, 30 July 2024 11:33 AM
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दिल्ली के राजेंद्र नगर में हुए कोचिंग हादसे में गिरफ्तार किए गए एसयूवी ड्राइवर की जमानत याचिका पर यहां की एक अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) ने जहां याचिका का विरोध किया वहीं, एसयूवी ड्राइवर की ओर पेश वकील ने अदालत को बताया कि उनका मुवक्किल बेकसूर है।

दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को एक एसयूवी चालक की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। उसे राजेंद्र नगर इलाके में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने के कारण सिविल सेवा की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद कुमार ने एसयूवी ड्राइवर मनुज कथूरिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया।

कथूरिया पर अपनी फोर्स गोरखा कार को बारिश के पानी से भरी सड़क पर चलाने का आरोप लगाया गया है, जिससे पानी में हिलोरें पैदा हुईं और तीन मंजिला इमारत के गेट टूट जाने से बेसमेंट में पानी भर गया। कथूरिया के वकील ने उनकी जमानत की मांग करते हुए अदालत से कहा कि कथूरिया को इस बात की जानकारी नहीं थी कि वहां से गाड़ी गुजारने पर क्या होने वाला है। उनका घटना को अंजाम देने का कोई इरादा नहीं था। 

वहीं, अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कथूरिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि कथूरिया इस घटना के लिए का दोषी नहीं था, लेकिन उसने पानी से भरे सड़क पर वाहन चलाकर घटना को बढ़ावा दिया। एपीपी ने अदालत में कथूरिया के सोशल मीडिया अकाउंट से लिए गए कुछ वीडियो भी दिखाए, जिसमें उन्हें वही एसयूवी चलाते हुए दिखाया गया है। एपीपी ने कहा, "मुझे इस शब्द का उपयोग करने के लिए खेद है। लेकिन वह मस्तीखोर और मस्ती में हैं ये सब कर दिया। मौज-मस्ती करते हुए उसने इस घटना को अंजाम दिया।''

सरकारी वकील ने कहा कि पुलिस की जांच अभी शुरुआती चरण में है और अगर आरोपी को जमानत पर रिहा किया गया तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है। कथूरिया के वकील ने तर्क दिया कि दिल्ली पुलिस उन लोगों को गिरफ्तार कर रही है जो मामले से संबंधित नहीं हैं। इस घटना के लिए मेरे मुवक्किल को कैसे दोषी ठहराया जा सकता है?

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