1984 सिख दंगा: टाइटलर पर 3 लोगों की हत्या के तय होंगे आरोप? 16 अगस्त को कोर्ट सुनाएगी फैसला
1984 Anti-Sikh Riots: दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में तीन लोगों की कथित हत्या के मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में तीन लोगों की कथित हत्या के मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सीबीआई और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश ने कहा कि फैसला 16 अगस्त को सुनाया जा सकता है। यह आदेश शुक्रवार को आने वाला था, लेकिन इसे टाल दिया गया, क्योंकि विशेष सीबीआई न्यायाधीश राकेश सियाल छुट्टी पर थे। न्यायाधीश ने सीबीआई और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था।
एक गवाह ने पहले आरोपपत्र में कहा था कि टाइटलर एक नवंबर 1984 को गुरुद्वारे के सामने एक सफेद एंबेसडर कार से बाहर निकले और भीड़ को सिखों को मारने के लिए उकसाया। यह भी आरोप लगाया गया कि टाइटलर ने भीड़ से सिखों को मारने के लिए कहते हुए बोला था कि उन्होंने हमारी मां को मार डाला है। गवाह का कहना था कि जिसके कारण तीन लोगों की हत्या हुई। पिछले साल अगस्त में एक सत्र अदालत ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही रकम की जमानत राशि पर टाइटलर को अग्रिम जमानत दी थी।
अदालत ने टाइटलर पर कुछ शर्तें भी लगाई थीं, जिसमें यह भी शामिल था कि वह मामले के सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे और बिना अनुमति के देश नहीं छोड़ेंगे। एजेंसी ने टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147, 109 और 302 के तहत आरोप लगाये हैं। इससे पहले 19 जुलाई को ममाले पर कोर्ट ने सुनवाई की थी। तब सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश राकेश सियाल ने केंद्रीय जांच एजेंसी और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर 1984 को उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के बाद देश के कई हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे।