महमूद प्राचा के ऑफिस में छापेमारी मामला, कोर्ट ने कहा, जांचकर्ताओं को सबूत जुटाने से नहीं रोक सकते
दिल्ली की एक अदालत ने वकील महमूद प्राचा को राहत न देते हुए कहा कि जांचकर्ताओं को सबूत एकत्रित करने से नहीं रोका जा सकता। अदालत ने महमूद प्राचा की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी...
दिल्ली की एक अदालत ने वकील महमूद प्राचा को राहत न देते हुए कहा कि जांचकर्ताओं को सबूत एकत्रित करने से नहीं रोका जा सकता। अदालत ने महमूद प्राचा की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।
प्राचा ने अपनी याचिका में उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे से संबंधित एक गवाह को कथित तौर पर सिखाने-पढ़ाने की जांच से जुड़े मामले में पुलिस को उनकी हार्ड डिस्क से केवल संबंधित जानकारी प्राप्त करने के निर्देश देने का अनुरोध किया था। पिछले साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के मामले में कुछ आरोपियों के मुकदमे की पैरवी प्राचा कर रहे हैं।
दिल्ली पुलिस ने वकील प्राचा के खिलाफ कथित तौर पर दंगे से जुड़े फर्जी मामले शुरू करने के लिए झूठा गवाह बनाने के संबंध में दर्ज एफआईआर के आधार पर प्राचा के ऑफिस पर छापेमारी की कार्रवाई की थी।
प्राचा ने जब्त की गई उनकी हार्ड डिस्क से केवल उक्त मामले से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के निर्देश देने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था और उनके मुवक्किलों का डेटा सुरक्षित रखने को लेकर चिंता व्यक्त की थी।
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने 25 मार्च के अपने आदेश में कहा कि अदालत का इस मामले में हस्तक्षेप उचित नहीं है और एक आरोपी जांच अधिकारी को साक्ष्य एकत्र करने के बारे में निर्देश नहीं दे सकते।