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केजरीवाल के साथ दुर्गेश पाठक पर भी चलेगा केस? CBI को मंजूरी के लिए 15 दिन की मोहलत

Delhi Excise Scam: दिल्ली की एक अदालत ने सीबीआई को कथित आबकारी घोटाले से जुड़े एक मामले में अरविंद केजरीवाल और दुर्गेश पाठक पर मुकदमा चलाने के लिए जरूरी मंजूरी हासिल करने के लिए 15 दिन की मोहलत दी है।

केजरीवाल के साथ दुर्गेश पाठक पर भी चलेगा केस? CBI को मंजूरी के लिए 15 दिन की मोहलत
Krishna Singhभाषा,नई दिल्लीMon, 12 Aug 2024 04:24 PM
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दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में केजरीवाल के साथ आप विधायक दुर्गेश पाठक पर मुकदमा चल सकता है। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को CBI को कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप विधायक दुर्गेश पाठक पर मुकदमा चलाने के लिए जरूरी मंजूरी हासिल करने के लिए 15 दिन की मोहलत दी है। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत ने CBI को आवश्यक मंजूरी हासिल करने के लिए 27 अगस्त तक का समय दिया। 

कोर्ट को बताया गया कि संबंधित अधिकारियों से अभी इस बारे में मंजूरी नहीं मिली है। सीबीआई ने पहले मामले में उनसे जांच करने के लिए मंजूरी हासिल कर ली थी। बता दें कि आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति के वरिष्ठ सदस्य दुर्गेश पाठक को अरविंद केजरीवाल का बेहद करीबी माना जाता है। अदालत ने 8 अगस्त को मामले में केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 20 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी थी।

इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ उनकी याचिका को सुनवाई के लिए लिस्ट करने पर विचार के लिए राजी हो गया है। केजरीवाल की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी पेश हुए। सिंघवी ने याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष इसका जिक्र किया।

दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को उचित करार देते हुए पांच अगस्त को इसे बरकरार रखा था। अदालत का कहना था कि सीबीआई की कार्रवाई दुर्भावना से प्रेरित नहीं है। जांच एजेंसी ने अपनी दलीलों से साबित किया है कि अरविंद केजरीवाल कैसे उन गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, जो उनकी गिरफ्तारी के बाद गवाही देने की हिम्मत जुटा सके हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए उन्हें नियमित जमानत के लिए पहले निचली अदालत का रुख करने को कहा था।