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दिल्ली ने ग्रीन टैक्स में जुटाए 1,298 करोड़ रुपये; 6 साल में खर्च की सिर्फ 21 फीसदी रकम

प्रदूषण की मार झेल रही दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए केजरीवाल सरकार बीते छह साल में वसूले गए ग्रीन टैक्स का महज 21 फीसदी यानि 285.1 करोड़ रुपये ही खर्च पाई है। यह जानकारी एक समाजिक...

दिल्ली ने ग्रीन टैक्स में जुटाए 1,298 करोड़ रुपये; 6 साल में खर्च की सिर्फ 21 फीसदी रकम
नई दिल्ली | वरिष्ठ संवाददाताMon, 03 Jan 2022 11:16 AM

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प्रदूषण की मार झेल रही दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए केजरीवाल सरकार बीते छह साल में वसूले गए ग्रीन टैक्स का महज 21 फीसदी यानि 285.1 करोड़ रुपये ही खर्च पाई है। यह जानकारी एक समाजिक कार्यकर्ता की ओर से दाखिल की गई आरटीआई से प्राप्त हुई है।

यह पैसा दक्षिणी दिल्ली नगर निगम एक नोडल एजेंसी के रूप में दिल्ली में प्रवेश करने वाले ट्रकों से पर्यावरण उपकर (सेस) के रूप में वसूलता है। इसे बाद में दिल्ली परिवहन विभाग के पास जमा कराता है। इसका प्रयोग दिल्ली में प्रदूषण को कम करने वाली हरित योजनाओं पर खर्च किया जा सकता है। बीते छह सालों में दिल्ली में प्रवेश करने वाले डीजल से चलने वाली ट्रकों से ग्रीन टैक्स (पर्यावरण उपकर भी कहते है) के रूप में कुल 1298 करोड़ रूपये वसूला गया है।

उसमें प्रदूषण रोकने के लिए लागू की गई हरित योजनाओं पर अभी तक 21 फीसदी यानि 281.5 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाया है। इसमें सबसे अधिकतम राशि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) को 265 करोड़ रूपये की मंजूरी के साथ 2018-19 में अधिकतम 271 करोड़ रूपये खर्च किया गया है। एनसीआरटीसी रैपिड रेल ट्रांजिट योजना पर काम कर रही है जो कि यूपी, दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान को आपस में जोड़ने का काम करेगी।

आरएफआईडी के लिए 93 लाख रुपये जारी

सरकार ने 2016-17 में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को आरएफआईडी लगाने के लिए 93 लाख रूपये जारी किए गए थे। इस योजना का मकसद दिल्ली की सीमाओं पर टोल व पर्यावरण उपकर वसूलने के लिए स्वचालित रेडियो आवृत्ति उपकरण लगाना था। इसके अलावा प्रदूषण कम करने और ईधन अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए 2018-19 और 2019-20 में 50 सरकारी बसों हाइड्रोजन-सीएनजी बसों का उपयोग के पायलट योजना शामिल है।

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