नालों से गाद निकालने से जुड़ी फाइल सौरभ भारद्वाज के पास लंबित होने का आरोप, क्या बोले मंत्री?
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को दावा किया कि दिल्ली में नालों से गाद निकालने के संबंध में प्रस्तावित व्यापक योजना की फाइल पिछले कई महीनों से दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज के पास लंबित है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नालों से गाद निकालने के संबंध में प्रस्तावित व्यापक योजना की फाइल पिछले कई महीनों से दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज के पास लंबित है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को दावा किया कि यह व्यापक योजना तीन सदस्यीय समिति ने तैयार की थी, जिसमें एमसीडी के आयुक्त, पीडब्ल्यूडी के प्रधान सचिव और दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) शामिल थे। हालांकि, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री भारद्वाज ने दावा किया कि फाइल को इस वर्ष 29 अप्रैल को मंजूरी दे दी गई थी और मानसून के बाद योजना पर काम किया जाएगा।
इससे पहले, दिन में भारद्वाज ने एक संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली के मुख्य सचिव और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अन्य अधिकारियों पर निशाना साधते हुए दावा किया कि उन्होंने नालों की सफाई पर ध्यान नहीं दिया, जबकि उन्होंने इस वर्ष फरवरी से आधिकारिक तौर पर पत्र लिखकर यह मुद्दा उठाया है।
दूसरी ओर सूत्रों ने कहा कि 18 मुख्य नालों की सफाई और रखरखाव के लिए एक एकीकृत प्राधिकरण के तहत जल निकासी प्रबंधन से संबंधित प्रस्ताव वाली फाइल अगस्त 2023 से मंत्री के पास लंबित है। AAP के मंत्रियों और दिल्ली प्रशासन के नौकरशाहों के बीच ताजा विवाद शनिवार को एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच हुआ है।
जुलाई 2023 में मुख्य सचिव ने दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों की एक कार्यशाला आयोजित की थी। इसमें हुए विचार-विमर्श के आधार पर तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया था, जिसने सात अगस्त 2023 को एक व्यापक प्रस्ताव पेश किया था।
सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित योजना में यमुना में गिरने वाले 18 नालों की सफाई और रखरखाव के लिए एक प्राधिकरण के तहत जल निकासी प्रबंधन को समेकित करना तथा दिल्ली जल बोर्ड द्वारा दिल्ली के लिए एक मास्टर जल निकासी योजना तैयार करना शामिल है। सूत्रों ने बताया कि यह प्रस्ताव तीनों अधिकारियों के संयुक्त हस्ताक्षर से आठ अगस्त 2023 को मुख्य सचिव के पास भेजा गया गया। इसके बाद यह प्रस्ताव 21 अगस्त 2023 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भारद्वाज के पास भेजा गया।
उन्होंने कहा कि पांच महीने बाद मंत्री ने फाइल प्रधान सचिव (सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण) को वापस भेज दी और सभी पक्षकारों की बैठक आयोजित करने तथा एक प्रस्तुतीकरण की मांग की। फाइल आठ अप्रैल 2024 को फिर से मंत्री के पास भेजी गई और प्रस्ताव अब भी उनके पास लंबित है। हालांकि, मंत्री ने इस दावे को खारिज किया है। सौरभ भारद्वाज ने एक्स पर पोस्ट किया- उपराज्यपाल कार्यालय का दावा है कि फाइल मंत्री के पास लंबित होने के कारण निर्णय का इंतजार है। उन्हें पता होना चाहिए कि फाइल बहुत पहले ही स्वीकृत हो चुकी है।
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