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केजरीवाल ने जीएसटी कम्पनशेसन के लिए पीएम मोदी को लिखा पत्र, सरकार से लगाई ये गुहार

कोरोना वायरस के कारण दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राज्यों को जीएसटी कम्पनशेसन देने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को...

केजरीवाल ने जीएसटी कम्पनशेसन के लिए पीएम मोदी को लिखा पत्र, सरकार से लगाई ये गुहार
नई दिल्ली। लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 01 Sep 2020 05:28 PM
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कोरोना वायरस के कारण दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राज्यों को जीएसटी कम्पनशेसन देने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। 

पत्र में कहा गया है कि वित्त मंत्रालय द्वारा दिए गए 2 विकल्प जिनमें राज्यों को ऋण लेने और फिर रिपेमेंट लायबिलिटीज को पूरा करने की आवश्यकता होती है, जो राज्यों पर एक बोझ डाल देगा।

आरबीआई से कर्ज लेकर राज्यों का कम्पनशेसन दे केन्द्र सरकार 

बता दें कि, बीते गुरुवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जीएसटी काउंसिल की बैठक में शामिल होने के बाद केंद्र सरकार पर जीएसटी लागू करने में विफल रहने का आरोप लगाया था। सिसोदिया ने कहा था कि जीएसटी लागू करने में केद्र सरकार पूरी तरह से विफल रही है। केंद्र ने राज्यों से टैक्स संबंधी अधिकार छीन लिए हैं। जीएसटी लागू करने वक्त भरोसा दिया गया था कि राज्यों के नुकसान की भरपाई की जाएगी, लेकिन अब केंद्र सरकार अपनी वैधानिक जिम्मेदारी से भाग रही है। सिसोदिया ने इसे आजादी के बाद राज्यों के साथ केंद्र का सबसे बड़ा धोखा बताते हुए कम्पनशेसन की व्यवस्था करने की मांग की। उन्होंने कहा कि दिल्ली को कर्ज लेने का अधिकार नहीं है। केंद्र खुद आरबीआई से कर्ज लेकर राज्यों का कम्पनशेसन दे। 

सिसोदिया ने कहा था कि वर्ष 2016-17 में जीएसटी लागू करते समय सबसे बड़ा टैक्स रिफार्म बताते हुए जनता को महंगाई कम होने का सपना दिखाया गया था। राज्यों को भी रेवेन्यू बढ़ने का सपना दिखाया गया। राज्यों से 87 फीसदी टैक्स संग्रह का अधिकार केंद्र ने ले लिया और कहा कि आपको इससे अपना हिस्सा मिल जाएगा। जीएसटी कानून में पांच साल तक राज्यों के नुकसान की भरपाई का दायित्व केंद्र सरकार पर है। केंद्र ने भरोसा दिया था कि अगर राज्यों का रेवेन्यू कम होगा तो 14 फीसदी वृद्धि की दर से कम्पनशेसन दिया जाएगा। 

जीएसटी के तीन साल पूरे, महंगाई नहीं हुई कम 

सिसोदिया ने कहा कि जीएसटी लागू होने के तीन साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन अब तक न तो महंगाई कम हुई है और न ही राज्यों का रेवेन्यू बढ़ा है। अभी कोरोना संकट के कारण सभी राज्यों का रेवेन्यू काफी कम हो गया है तो केंद्र सरकार ने कम्पनशेसन देने के बदले हाथ खड़े कर दिए हैं। सिसोदिया ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में बीजेपी शासित राज्यों सहित अनेक राज्यों ने केंद्र से नुकसान की भरपाई की मांग की। काउंसिल की सातवीं, आठवीं और दसवीं बैठक के मिनिट्स का हवाला देते हुए सिसोदिया ने कहा कि उस वक्त केंद्र ने स्पष्ट भरोसा दिया था कि राज्यों का रेवेन्यू कम होने पर इसकी भरपाई केंद्र सरकार करेगी। उन मिनिट्स में तत्कालीन वित्त मंत्री और वित्त सचिव की टिप्पणी भी दर्ज है। 

दिल्ली का रेवेन्यू कलेक्शन लक्ष्य से 57 फीसदी कम 

सिसोदिया के अनुसार, यह दिल्ली के लिए ज्यादा परेशानी की बात है क्योंकि कर्ज लेने का अधिकार सिर्फ पूर्ण राज्यों को है। दिल्ली को कर्ज लेने का अधिकार नहीं। दिल्ली का रेवेन्यू कलेक्शन लक्ष्य से 57 फीसदी कम है। इसे पूरा करने के लिए केंद्र कम्पनशेसन दे या खुद कर्ज लेकर दे। सिसोदिया ने कहा था कि 7000 करोड़ कम टैक्स आया है तथा 21,000 करोड़ का शार्टफाल है। केंद्र अगर इसकी भरपाई की वैधानिक जिम्मेदारी से पीछे भाग रही है। ऐसे में डॉक्टर्स, टीचर्स, कर्मचारियों, एमसीडी और डीटीसी वालों को सैलरी कहां से मिलेगी? यह दिल्ली के साथ केंद्र का सौतेला व्यवहार है।

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