Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Delhi Chief Secretary including three officers guilty of contempt of Court debate on punishment will be held on 14 July

दिल्ली के मुख्य सचिव सहित तीन बड़े अफसर कोर्ट की अवमानना में दोषी, 14 जुलाई को होगी सजा पर बहस

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि अधिकारी हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश के स्पष्ट निर्देशों को दरकिनार करने और कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। इन अधिकारियों से सख्ती से निपटने की जरूरत है।

Praveen Sharma नई दिल्ली। हिन्दुस्तान, Sun, 23 April 2023 07:30 AM
share Share
Follow Us on
दिल्ली के मुख्य सचिव सहित तीन बड़े अफसर कोर्ट की अवमानना में दोषी, 14 जुलाई को होगी सजा पर बहस

दिल्ली के मुख्य सचिव सहित तीन अफसरों को दिल्ली हाईकोर्ट ने अवमानना का दोषी ठहराया है। हाईकोर्ट ने कहा कि तीनों अफसरों ने कोर्ट द्वारा 2017 में दिए आदेश का जानबूझकर पालन नहीं किया। इसके चलते कोर्ट ने सजा पर बहस के लिए तीनों अफसरों को 14 जुलाई को पेश होने का आदेश दिया है।

जस्टिस रेखा पल्ली ने मुख्य सचिव, विशेष आयुक्त (परिवहन) और श्रम सचिव को 14 जुलाई को सुनवाई के दौरान निजी रूप से पेश होने का आदेश दिया है, ताकि उन्हें कितनी सजा दी जाए, इस पर बहस हो सके। जस्टिस पल्ली ने कहा कि ‘अवमानना कानून का मकसद जनहित की सेवा और न्यायिक प्रक्रिया के प्रति लोगों के भरोसे को कायम रखना है।’

हाईकोर्ट ने कहा है कि अधिकारी हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश के स्पष्ट निर्देशों को दरकिनार करने और कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। इन अधिकारियों से सख्ती से निपटने की जरूरत है।

अवमानना का यह मामला, क्लस्टर योजना के तहत बसों का परिचालन करने वाले कंपनियों को भुगतान से संबंधित है। कोर्ट ने सरकार के सक्षम अधिकारियों को न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी के मद्देनजर कंपनियों के देय राशि का पुनर्निर्धारण करने को कहा था। आदेश का पालन नहीं होने पर कंपनियां हाईकोर्ट गईं और कोर्ट ने अधिकारियों को दोषी ठहराया।

बढ़ी हुई मजदूरी के हिसाब से भुगतान का मामला

दिल्ली सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी के बाद क्लस्टर योजना के तहत बसों का परिचालन करने वाली कंपनियों ने सरकार से बढ़ी हुई मजदूरी के हिसाब से वेतन के अनुरूप भुगतान की मांग की थी। सरकार ने मांग नहीं मानी तो कई कंपनियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 6 दिसंबर, 2017 को बसों का परिचालन करने वाली कंपनियों के हक में फैसला सुनाया।

अगला लेखऐप पर पढ़ें