दिल्ली : फर्जी कॉल सेंटर से नौकरी का झांसा दे 400 से ठगी, दो गिरफ्तार
दिल्ली में उत्तर पश्चिम जिला साइबर सेल ने नौकरी का झांसा दे करीब 400 लोगों ठगी में लिप्त कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह के दो सरगना भाईयों को भी गिरफ्तार किया है। डीसीपी उषा रंगनानी ने...
दिल्ली में उत्तर पश्चिम जिला साइबर सेल ने नौकरी का झांसा दे करीब 400 लोगों ठगी में लिप्त कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह के दो सरगना भाईयों को भी गिरफ्तार किया है। डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि आदर्श नगर थाने में इस ठगी को लेकर शिकायत आई थी। पीड़ित अभय प्रजापति को मार्च में दो मोबाइल नंबर से फोन आया। फोन करने वालों ने बताया कि वह प्रतिष्ठित आटोमोबाइल कंपनी के मानव संसाधन विभाग से है और इस कम्पनी में करीब 43 हजार रुपये प्रति माह की नौकरी का प्रस्ताव दिया गया। फिर पीड़ित का आनलाइन साक्षात्कार लेने के साथ ही करीब 3600 रुपये अलग अलग शुल्क के नाम पर जमा कर लिए गए लेकिन नौकरी नहीं मिली तो 15 जून को एफआईआर दर्ज कर ली गई।
बैंक खातों और मोबाइल नंबर से मिली लोकेशन
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि साइबर सेल प्रभारी इंस्पेक्टर सुनील कुमार की टीम को मामले की जांच सौंपी गई। एसआई सीताराम को फोन नम्बर, ईमेल आईडी के आईपी अड्रेस और एसआई मुक्ता एवं हेडकांस्टेबल नीरज को बैंक डिटेल्स खंगालने की जिम्मेदारी दी गई। टीम ने बुराडी एवं भलस्वा डेरी इलाके से दो सगे भाईयों विकास एवं आकाश को गिरफ्तार कर लिया।
छोटी छोटी राशि जमाकर ठगी
यह गिरोह बीते तीन साल से आजादपुर स्थित एक टावर में कॉल सेंटर चला रहा था। वे लोगों से छोटी छोटी राशि जमा कराते थे ताकि कोई पुलिस को शिकायत न करे। पुलिस अधिकारी के अनुसार इन्होंने अब तक 20 लाख रुपये के करीबकी ठगी की है।दोनों भाई बारहवीं तक की पढ़ाई की थी। ये ठगी के रुपये को जमा कराने के लिए अपने पिता के नाम पर खुले बैंक खातों का इस्तेमाल कर रहे थे। इनके कब्जे से छह फोन, लैपटाप एवं बैंक पासबुक बरामद किए गए हैं।
फर्जी दस्तावेजों पर जारी सिम का उपयोग
दोनों भाई फर्जी दस्तावेजों पर जारी सिम का उपयोग ठगी के धंधे में करते थे। ये जस्ट डायल से अपनी जरूरत का डाटा खऱीदते थे। इसके लिए वे भी इन्हीं सिम का इस्तेमाल करते थे। इस वजह से पुलिस को इन्हें ढूढ़ने में दिक्कत भी आई।